PATNA : पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टरों ने कम स्टाइपेंड को लेकर हड़ताल का ऐलान कर दिया है। डॉक्टरों ने सोमवार से ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप कर दिया, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कुछ समय के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बंद रहे।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे लगातार 12 से 18 घंटे तक ड्यूटी करते हैं, इसके बावजूद उन्हें मात्र ₹20,000 प्रतिमाह स्टाइपेंड के रूप में मिलते हैं जो बेहद कम है। डॉक्टरों की मांग है कि यह राशि बढ़ाकर ₹40,000 प्रतिमाह की जाए। डॉक्टरों ने दावा किया कि अन्य राज्यों और यहां तक कि एम्स पटना में भी इंटरन डॉक्टरों को इससे कई गुना अधिक स्टाइपेंड दिया जा रहा है। जबकि बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटरन डॉक्टरों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है।
फिलहाल जूनियर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो वे राज्यभर के मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर देंगे। इससे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है, अब सबकी नजरें सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर टिकी हैं। डॉक्टरों का साफ कहना है कि जब तक स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया जाता उनका विरोध जारी रहेगा, हड़ताल के कारण मरीजों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।