मुजफ्फरपुर स्टेशन पर तीन मासूम बच्चियों की कहानी ने समाज को किया शर्मसार

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MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जंक्शन के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर तीन मासूम बच्चियां चाइल्ड लाइन की टीम को लावारिस मिलीं। इन बच्चियों की उम्र लगभग दो, तीन और पांच वर्ष है। तीनों बच्चियां रोते हुए मिलीं और किसी भी तरह से अपने घर का पता नहीं दे पाईं। उनके पास रखे झोले से कुछ बिस्किट भी बरामद हुए।

बाल कल्याण समिति के अधिकारियों के मुताबिक, बच्चियों के पिता ने उन्हें स्टेशन पर छोड़ते हुए कहा था कि यहीं पर बैठो, कहीं मत जाना। उन्होंने एक कागज पर मोबाइल नंबर लिखा और जेब में रख दिया। पिता ने कहा था कि अगर पुलिस उनसे बात करे तो मां से संपर्क कराना। लेकिन जब इस नंबर पर कॉल किया गया तो महिला ने रिसीव करते ही कॉल काट दिया। कई बार प्रयास करने के बाद भी समिति की टीम उनसे बात नहीं कर पाई।

जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, सदस्य मो. सफदर अली और प्रतिभा रानी ने तीनों बच्चियों को खबरा स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान भेज दिया है। बच्चियों का मानसिक और शारीरिक हाल फिलहाल नाजुक बताया जा रहा है।

यह घटना समाज के लिए एक गंभीर प्रश्न है कि क्या बेटियों को अब भी बोझ समझा जाता है? जबकि सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के जरिए लोगों को जागरूक कर रही है, ऐसे मामले समाज की सोच पर गहरा सवाल खड़ा करते हैं। जिला बाल कल्याण समिति मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है ताकि तीनों बच्चियों को सुरक्षित घर और भविष्य मिल सके।

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