चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: वोटर को अब देना होगा जन्म स्थान का प्रमाण, बिहार से होगी शुरुआत

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DELHI : अवैध प्रवासियों को वोटर लिस्ट से हटाने और मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग (ECI) ने एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब नए मतदाताओं के साथ-साथ उन सभी मौजूदा वोटरों को, जिनका नाम 2003-04 के बाद मतदाता सूची में शामिल किया गया है, अपनी भारतीय नागरिकता का प्रमाण और जन्म स्थान से जुड़ा दस्तावेज देना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया की शुरुआत बिहार से की जा रही है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

क्या है चुनाव आयोग का आदेश?

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि बिहार में जनवरी 2003 में प्रकाशित मतदाता सूची को आधार बनाया जाएगा। इसके पहले शामिल हुए मतदाताओं को नागरिकता का अलग से प्रमाण देने की जरूरत नहीं होगी लेकिन उसके बाद के सभी मतदाताओं को गणना फॉर्म के साथ एक घोषणापत्र और वैध दस्तावेज जमा करने होंगे, जिससे उनकी नागरिकता सिद्ध हो सके। आयोग ने स्पष्ट किया कि देशभर में यह प्रक्रिया उचित समय पर अलग-अलग चरणों में शुरू की जाएगी।

क्या देना होगा दस्तावेज के रूप में?

भारतीय नागरिक हैं (जन्म से या पंजीकरण/प्राकृतिककरण के माध्यम से)

संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हैं

और 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं

इसके लिए आयोग ने 11 वैध दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिनमें से उपयुक्त दस्तावेज़ों का चयन करके वोटर को उसे आयोग के पोर्टल या BLO के माध्यम से जमा करना होगा।

जन्म की तारीख और स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज

यदि जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, तो केवल अपने जन्म प्रमाण के दस्तावेज पर्याप्त होंगे।

यदि जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है, तो माता-पिता में से किसी एक की नागरिकता के प्रमाण भी जरूरी होंगे।

यदि जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है, तो अपने और माता-पिता दोनों के दस्तावेज आवश्यक होंगे।

यदि माता-पिता में से कोई एक विदेशी नागरिक है, तो उसके पासपोर्ट और वीज़ा की प्रति भी देनी होगी।

विदेश में जन्मे भारतीयों के लिए

ऐसे व्यक्तियों को भारतीय मिशन द्वारा जारी जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र या नागरिकता पंजीकरण/प्राकृतिककरण प्रमाण पत्र देना होगा।

कैसे होगी प्रक्रिया?

BLO (Booth Level Officer) घर-घर जाकर पहले से भरे फॉर्म वितरित करेगा।

मतदाता दस्तावेजों के साथ उसे भरकर जमा करेंगे या ECINET ऐप के माध्यम से अपलोड कर सकते हैं।

दस्तावेजों की जांच के बाद ERO/ AERO द्वारा पात्रता पर निर्णय लिया जाएगा।

संदेह होने पर फील्ड जांच भी की जाएगी।

2004 के बाद पहली बार SIR

गौरतलब है कि इस तरह का विशेष गहन संशोधन (SIR) 2004 के बाद पहली बार किया जा रहा है। 1952 से अब तक कुल 13 बार SIR हो चुके हैं।

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