बिहार में ग्रामीण संपर्क का नया कीर्तिमान: 1843 सड़कें और 852 पुल हुए तैयार

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2025-26 में ग्रामीण अवसंरचना के लिए 991 करोड़ रुपये का बजट तय

पटना: बिहार सरकार ने ग्रामीण संपर्क को सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुल निर्माण को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज की है। ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 991 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार के अनुसार, राज्यभर में 2024 ग्रामीण सड़कों (5250.62 किमी) और 1211 पुलों के निर्माण कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। इनमें से अब तक 1843 सड़कों (4818.36 किमी) तथा 852 पुलों का कार्य पूर्ण हो चुका है। यह ग्रामीण संपर्क ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव को दर्शाता है।

प्रमंडलवार निर्माण की स्थिति:

  • पटना प्रमंडल (पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर):
    कुल स्वीकृत – 542 सड़कें, 191 पुल | पूर्ण – 493 सड़कें, 159 पुल
  • तिरहुत प्रमंडल (मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर):
    कुल – 301 सड़कें, 210 पुल | पूर्ण – 266 सड़कें, 152 पुल
    पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 96 सड़कों और 41 पुलों का निर्माण
  • सारण प्रमंडल (सारण, सिवान, गोपालगंज):
    कुल – 125 सड़कें, 55 पुल | पूर्ण – 117 सड़कें, 42 पुल
  • पूर्णिया प्रमंडल (पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज):
    कुल – 106 सड़कें, 282 पुल | पूर्ण – 102 सड़कें, 148 पुल
    किशनगंज में सभी 21 सड़कों का कार्य पूर्ण
  • भागलपुर प्रमंडल (भागलपुर, बांका):
    कुल – 49 सड़कें, 28 पुल | पूर्ण – 46 सड़कें, 24 पुल
  • मगध प्रमंडल (गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, अरवल):
    कुल – 265 सड़कें, 109 पुल | पूर्ण – 248 सड़कें, 93 पुल
  • दरभंगा प्रमंडल (दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी):
    कुल – 253 सड़कें, 187 पुल | पूर्ण – 223 सड़कें, 141 पुल
  • कोसी प्रमंडल (सहरसा, सुपौल, मधेपुरा):
    कुल – 97 सड़कें, 58 पुल | पूर्ण – 82 सड़कें, 36 पुल
  • मुंगेर प्रमंडल (मुंगेर, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, शेखपुरा, लखीसराय):
    कुल – 286 सड़कें, 91 पुल | पूर्ण – 266 सड़कें, 71 पुल

ग्रामीण संपर्कता से गांवों में दिख रहा परिवर्तन

ग्रामीण सड़कों और पुलों के निर्माण से गांवों की तस्वीर बदल रही है। इससे न केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि कृषि, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसर भी खुले हैं। ग्रामीण अंचलों में औद्योगिक संभावनाओं को भी बल मिला है। सरकार की यह पहल ‘संपर्क से समृद्धि’ के लक्ष्य को मजबूत करती दिख रही है।

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