रांची: झारखंड सरकार ने राज्य के 40 बहादुर पुलिसकर्मियों को उनके शौर्य, विशिष्ट सेवा और सराहनीय कार्य के लिए झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित करने की घोषणा की है। यह सम्मान राज्यपाल पदक, मुख्यमंत्री पदक और पुलिस पदक के रूप में दिए जाएंगे।
सम्मान का वर्गीकरण:
- विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल पदक (3 अधिकारी)
- वीरता के लिए मुख्यमंत्री पदक (6 अधिकारी/जवान)
- सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (31 अधिकारी/जवान)
राज्यपाल पदक (विशिष्ट सेवा के लिए)
- प्रभात कुमार – आईजी, विशेष शाखा
- श्याम कुमार – एएसआई, देवघर जिला बल
- मोहम्मद नौशाद अली – एएसआई, बोकारो जिला बल
मुख्यमंत्री पदक (वीरता के लिए)
- नरेंद्र कुमार सिंह – तत्कालीन डीआईजी हजारीबाग, वर्तमान आईजी मानवाधिकार, रांची
- राकेश रंजन – तत्कालीन एसपी चतरा, वर्तमान एसपी चाईबासा
- प्रकाश सोय – डीएसपी, कोतवाली
- शंकर प्रसाद कुशवाहा – दारोगा, गढ़वा
- राजबल्लभ कुमार – दारोगा, गढ़वा
- शिवलाल कुमार गुप्ता – दारोगा, गढ़वा
उल्लेखनीय उपलब्धि:
इन अधिकारियों के नेतृत्व में 2 अप्रैल 2023 को चतरा (लावालौंग थाना) क्षेत्र में मुठभेड़ में 5 शीर्ष नक्सली ढेर किए गए।
- मारे गए नक्सली:
- गौतम पासवान (₹25 लाख इनामी)
- अजीत उरांव उर्फ चार्लिस (₹25 लाख इनामी)
- अजय यादव, संजीत भुइयां, अमर गंझू (प्रत्येक ₹5 लाख इनामी)
- बरामदगी: 2 AK-47, 2 INSAS, भारी विस्फोटक
- मुठभेड़ के बाद 5 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
पुलिस पदक (सराहनीय सेवा के लिए) – चयनित 31 अधिकारी/कर्मी
उल्लेखनीय नामों में शामिल हैं:
- सुनील भास्कर (आईजी, पलामू)
- डॉ. विमल कुमार (एसपी, गिरिडीह)
- अजय कुमार, राजेश कुमार (एएसपी, झारखंड जगुआर)
- लव कुमार सिंह (इंस्पेक्टर, एटीएस रांची)
- दीपक कुमार (इंस्पेक्टर, देवघर)
- विनय कुमार सिंह, रामाशंकर सिंह (दारोगा, जैप-6, जमशेदपुर)
- अमीर तांती, नंद भगत, जोस पीटर खलखो (दारोगा, STF रांची)
- समीर कुजूर, जोनसन सुरीन (ASI, STF)
- अमित प्रधान, संजय कुमार, नीतीश कुमार (हवलदार, STF)
- सरिता कुमारी (हवलदार, देवघर जिला बल)
- रितेश थापा, इरफान अंसारी, कालेप हांसदा (सिपाही, विशेष शाखा)
- रागनी सिंह (महिला सिपाही, धनबाद)
विशेष सम्मान:
एसटीएफ (STF) रांची की टीम को संगठित और सक्रिय नक्सली नेटवर्क के खिलाफ उत्कृष्ट कार्रवाई के लिए पदक दिए जा रहे हैं।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 पर यह सम्मान उन पुलिसकर्मियों के त्याग, बहादुरी और ईमानदारी का प्रतीक है जिन्होंने नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ अहम भूमिका निभाई है। यह पहल राज्य में कानून व्यवस्था की मजबूती और प्रेरणादायक सेवा भावना को भी उजागर करती है।