PATNA : बिहार की राजनीति में एक बार फिर जातीय समीकरणों को लेकर हलचल मच गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य में प्रस्तावित स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी ने इसे पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का हनन करार दिया है।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने प्रेस वार्ता कर कहा कि क्या बिहार में स्वर्ण समाज की स्थिति अति पिछड़ा वर्ग से भी खराब है? अगर नहीं तो फिर स्वर्ण आयोग का औचित्य क्या है? उन्होंने राज्य सरकार पर पिछड़ा समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया।
प्रेस वार्ता में अनिल सिंह ने बिहार सरकार में शामिल पिछड़ा समाज से आने वाले मंत्रियों और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एंव जीतन राम मांझी को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने इन नेताओं को पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर का नैवेद्यम प्रसाद (लड्डू) भिजवाया और कटाक्ष करते हुए कहा कि जो मंत्री अपने-अपने समाज का हनुमान बनने का दावा करते हैं, वे अब महावीर मंदिर का लड्डू खाकर अपने समाज की आवाज़ बुलंद करें।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती ने समाज के हित में राज्यसभा की सदस्यता तक का त्याग किया, ताकि वंचित वर्गों की बात मजबूती से उठाई जा सके। बसपा ने साफ संकेत दिया है कि वह आने वाले समय में दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर आंदोलन तेज करेगी। पार्टी ने राज्य के दलित नेताओं से भी आह्वान किया है कि वे इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखें।