PATNA : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला पत्र लिखते हुए कड़ी चेतावनी दी है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार में बढ़ाई गई 75% आरक्षण सीमा को केंद्र की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में नीतीश सरकार नाकाम रही है।
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में जाति आधारित जनगणना कराई गई, जिसके आधार पर पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाकर कुल 75% किया गया था। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहकर इस कानून को रद्द कर दिया कि इससे पहले समुचित अध्ययन नहीं कराया गया।
उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पिछले 35 वर्षों से 69% आरक्षण दिया जा रहा है, जो 9वीं अनुसूची में शामिल है। ऐसे में बिहार में भी 85% आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए और इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने की सिफारिश तुरंत केंद्र सरकार को भेजी जानी चाहिए।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मांग की है कि एक सप्ताह के भीतर सर्वदलीय समिति गठित की जाए और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नया विधेयक पारित कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज्य भर में एक बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में चल रही लाखों नियुक्तियों में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाने से दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग के युवाओं को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि सरकार अब भी आरक्षण के सवाल पर चुप रही, तो यह माने जाने लगेगा कि नीतीश सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को लटकाने और भटकाने का काम कर रही है।