SIWAN : गुठनी थाना क्षेत्र के दक्षिणी छोर से बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है और यह अब खतरे के निशान के बेहद करीब पहुँच चुका है। हालात को देखते हुए तटवर्ती इलाकों में दहशत का माहौल है। एक ओर बाढ़ का खतरा, तो दूसरी ओर नदी के दोनों किनारों पर हो रहे तेज कटाव ने ग्रामीणों की चिंताएं और भी बढ़ा दी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटाव की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है लेकिन बाढ़ विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश साफ देखने को मिल रहा है।
बाढ़ विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर दरौली घाट पर सरयू नदी का जलस्तर 58.82 मीटर दर्ज किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 60.82 मीटर निर्धारित है। वहीं चेतावनी स्तर 59.82 मीटर है इसका मतलब है कि दरौली में फिलहाल नदी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही है। सिसवन में नदी का जलस्तर 54.46 मीटर रहा, जबकि यहां खतरे का निशान 57.04 मीटर है। यानी सिसवन में भी नदी फिलहाल खतरे के निशान से 2.58 मीटर नीचे है लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन और विभाग की नींद उड़ चुकी है।
तीर बलुआ से लेकर मैरीटार तक सरयू नदी के दोनों किनारों पर जबरदस्त कटाव जारी है, कई एकड़ उपजाऊ कृषि भूमि नदी में समा चुकी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की टीम अब तक कटाव प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंची है, जिससे लोगों में नाराजगी है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के एसडीओ ने दावा किया है कि विभाग पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि गोगरा तटबंध, घाटों और किनारे के कमजोर स्थलों पर लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि जहां वास्तव में कटाव निरोधी कार्य की जरूरत है, वहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है।