RANCHI : झारखंड में बंद पड़ी कोयला खदानों को अब नया रूप मिलने जा रहा है। राज्य सरकार की नई पहल के तहत इन खदानों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। इस उद्देश्य को लेकर झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MOU) सोमवार को प्रोजेक्ट भवन, रांची में साइन किया गया। कार्यक्रम के दौरान झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू समेत JTDC और CCL के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। MOU साइनिंग सेरेमनी में यह स्पष्ट किया गया कि झारखंड सरकार राज्य के औद्योगिक और खनिज धरोहर को पर्यटन से जोड़कर लोगों के लिए नए अनुभव और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना चाहती है।

इस योजना के तहत पर्यटक न सिर्फ कोयला खदानों को देख सकेंगे बल्कि खनन तकनीक, उपकरणों और औद्योगिक गतिविधियों को भी करीब से समझ पाएंगे। इससे राज्य के औद्योगिक इतिहास और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। राज्य में सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल के अंतर्गत कई ऐसी कोयला खदानें हैं जो अब निष्क्रिय हैं, इनमें से दर्जनों खदानों को पर्यटन के लिहाज से तैयार किया जाएगा। इन खदानों को सुरक्षित और दर्शनीय स्थल के रूप में बदला जाएगा, जहां देश-विदेश के पर्यटक आकर खनन संस्कृति का अनुभव ले सकेंगे।

झारखंड सरकार की यह पहल माइनिंग टूरिज्म को एक नई दिशा देगी और इससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र में विविधता आएगी। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। JTDC और CCL मिलकर इन खदानों के विकास, प्रबंधन और प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी साझा करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पर्यटकों को एक सुरक्षित और शिक्षाप्रद अनुभव मिल सके।