रांची: माओवादी संगठनों द्वारा 3 अगस्त को झारखंड बंद के आह्वान के बाद रेल प्रशासन हाई अलर्ट पर है। बंद का उद्देश्य माओवादी शीर्ष नेताओं की मौत के विरोध में 20 जुलाई से 3 अगस्त तक चलने वाली स्मृति सभाओं का समापन है। बंद का प्रभाव झारखंड सहित बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में भी देखने को मिल सकता है।
रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा इंतजाम
रेल प्रशासन ने यात्रियों और कांवरियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, खासकर श्रावणी मेला के दौरान देवघर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में:
- RPF (रेलवे सुरक्षा बल) और GRP (राजकीय रेलवे पुलिस) पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
- स्टेशन परिसरों में हैंड मेटल डिटेक्टर और डोर मेटल डिटेक्टर से यात्रियों की जांच की जा रही है।
- स्वान दस्ता (डॉग स्क्वॉड) की सहायता से भी संदिग्ध बैग व सामान की जांच जारी है।
सादे लिबास में तैनात पुलिसकर्मी
- रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
- प्रवेश से पहले यात्रियों की पूरी जांच-पड़ताल की जा रही है।
- स्टेशन परिसर और ट्रेनों के आसपास सर्विलांस सिस्टम और CCTV कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।
श्रावणी मेला और कांवर यात्रा पर विशेष नजर
- देवघर में चल रहे श्रावणी मेले के कारण कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
- आरपीएफ और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कार्ययोजना तैयार की है।
माओवादियों का दावा और प्रशासन की तैयारी
- माओवादी संगठनों ने दावा किया है कि सरकारी ऑपरेशनों में मारे गए उनके वरिष्ठ नेताओं की स्मृति में बंद का आयोजन किया जा रहा है।
- सुरक्षा एजेंसियों ने इनपुट के आधार पर रेलवे लाइन, पुल, और अन्य रणनीतिक ठिकानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि 3 अगस्त को यात्रा करने से पहले सुरक्षा अपडेट जरूर देखें और संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की सूचना तत्काल नजदीकी सुरक्षाकर्मी को दें।बंद के दिन ट्रेनों के परिचालन पर प्रभाव पड़ सकता है, जिसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।