बिहार चुनाव 2025 से पहले NDA में दरार! चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के बीच जुबानी जंग तेज, तेजस्वी यादव ने भी साधा निशाना

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PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच NDA में अंदरूनी घमासान तेज हो गया है, गठबंधन की दो प्रमुख सहयोगी पार्टियों लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी के बीच जुबानी तकरार ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।243 सदस्यीय बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर NDA में टकराव खुलकर सामने आ गया है, चिराग पासवान की पार्टी LJP (रामविलास) ने कम से कम 43 सीटों की मांग की है जबकि मांझी की HAM ने भी 20-25 सीटें मांगी हैं। दोनों ही दल अपने-अपने जनाधार और पिछली चुनावी परफॉर्मेंस को आधार बनाकर अधिक सीटों पर दावा ठोक रहे हैं।

चिराग पासवान की पार्टी का दावा है कि उनके बिना बिहार में NDA की जीत असंभव है, वहीं मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को मान्यता प्राप्त करने के लिए पर्याप्त सीटें दी जानी चाहिए। सीटों को लेकर हो रही खींचतान के बीच जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान पर इशारों में तंज कसते हुए उन्हें “गब्बर सिंह” तक कह डाला। उन्होंने कहा कुछ लोग जबरन अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं, लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है।

चिराग पासवान ने मांझी के बयानों का सीधा जवाब देने से बचते हुए बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी सरकार का समर्थन करने में दुख होता है जहां अपराध बेलगाम हो गया है। LJP (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने मांझी के बयानों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पार्टी केवल अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन के बयानों को अधिकृत मानती है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि अगर चिराग को उनकी मनचाही सीटें नहीं मिलीं तो पार्टी एकला चलो की राह पकड़ सकती है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा 2020 में जब हमने अकेले 137 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6% वोट हासिल किया, तब यह साबित हो गया कि LJP अकेले भी चुनाव लड़ने की ताकत रखती है। बिहार की 19.65% दलित आबादी को लेकर भी चिराग और मांझी के बीच सियासी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। मांझी जहां महादलित कार्ड खेल रहे हैं, वहीं चिराग अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत और पासवान समुदाय के प्रभाव का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

मांझी ने जहां सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण फैसले का समर्थन किया, वहीं चिराग ने समृद्ध दलितों से स्वेच्छा से आरक्षण छोड़ने की अपील कर सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “हनुमान” बताकर NDA में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उनके बयानों से जीतनराम मांझी असहज दिखाई दे रहे थे, लेकिन हाल ही में मांझी ने रुख नरम करते हुए कहा कि चिराग NDA से अलग नहीं होंगे और गठबंधन उन्हें सम्मानजनक सीटें देगा।

विपक्ष के नेता और RJD प्रमुख तेजस्वी यादव ने दोनों नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा इन लोगों को बेरोजगारी, शिक्षा और बिहार के विकास से कोई मतलब नहीं है, ये केवल सत्ता के भूखे लोग हैं जो कुर्सी के लिए जनता को भाड़ में झोंक देना चाहते हैं।

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