PATNA : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई मतदाता SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) प्रक्रिया के विरोध में महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिला। राज्य के कई हिस्सों में विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और आयोग के इस फैसले को वापस लेने की मांग की। राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सड़क जाम, टायर जलाकर विरोध और रेल परिचालन में बाधा जैसी घटनाएं सामने आईं। पटना सचिवालय हॉल्ट पर कांग्रेस समर्थित सांसद पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ ट्रेन रोककर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारी रेल पटरी पर बैठकर चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाज़ी करते रहे।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद सांसद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग के माध्यम से गरीब, दलित और वंचित तबकों को निशाना बना रही है। उनकी नागरिकता पर सवाल उठाना अस्वीकार्य है यह आंदोलन गरीबों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बंद के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
विपक्ष का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के जरिए खास तबकों को मतदाता सूची से बाहर किया जा सकता है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी है, जिसका उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल करना है। बंद के दौरान कई जिलों में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हुआ, वहीं कुछ जगहों पर स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा।