CHHATISGARH : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई पर तीखा हमला बोला है, बघेल ने आरोप लगाया कि जिस दिन उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ बयान दिया, उसी दिन उनके बेटे चैतन्य बघेल को निशाना बनाया गया। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
परिवार पर सीधा वार
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा तीन महीने पहले मेरे बेटे को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही कोई नोटिस भेजा गया, लेकिन जिस दिन मैंने अडानी के खिलाफ टिप्पणी की। उसी दिन मेरे बेटे को वो भी उसके जन्मदिन पर ईडी द्वारा उठा लिया गया, यह हमला सिर्फ मेरे परिवार पर नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश है।
स्वतंत्रता संग्राम से की तुलना
भूपेश बघेल ने अपने बयान में भावुक होते हुए स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र किया और कहा कि उनके परिवार में स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा हम अंग्रेजों से लड़े तो मोदी और ईडी से क्यों नहीं लड़ सकते? मेरे बाबूजी हमेशा कहते थे कि जेल हमारा दूसरा घर है, और मैं उसी सीख के साथ आगे बढ़ रहा हूं।
राजनीतिक अनुभवों का दिया हवाला
बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की घटनाओं को साझा करते हुए कहा मेरे पिता को जोगी सरकार ने जेल भेजा था, वो सरकार चली गई। मुझे रमन सिंह ने जेल भेजा उनकी सरकार भी गई। अब मोदी सरकार ने मेरे बेटे को जेल भेजा है, सत्ता में बैठे लोग ज्यादा समय तक नहीं टिकते। भूपेश बघेल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रदेश की जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह लड़ाई रो-रोकर नहीं बल्कि हिम्मत और रणनीति से लड़ी जानी चाहिए, उन्होंने कहा हम डरने वालों में से नहीं हैं हमें मिलकर साज़िशों का जवाब देना है और लोकतंत्र को बचाना है।