RANCHI : झारखंड एटीएस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अज़रबैजान से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाया गया है। रामगढ़ जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच उसे रांची के धुर्वा स्थित एटीएस मुख्यालय लाया गया, जहां छह दिनों तक गहन पूछताछ की जाएगी।
एटीएस के मुताबिक मयंक से पाकिस्तान और पेशावर से जुड़े आर्म्स सप्लाई नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। शुरुआती जांच में ऐसे कई डिजिटल सबूत सामने आए हैं जो पाकिस्तान की पेशावर स्थित आर्म्स फैक्ट्री से इस गैंग के संबंधों की ओर इशारा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि झारखंड में हुए कई हमलों में इस्तेमाल किए गए हथियारों की पाकिस्तानी कनेक्शन की पुष्टि मयंक की गिरफ्तारी के बाद हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार मयंक के खिलाफ झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में दर्ज हैं संगीन आपराधिक मामले। इन राज्यों की पुलिस भी अब मयंक से पूछताछ की तैयारी कर रही है। अपराध की दुनिया में मयंक का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है और यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस पूरे मामले पर बनी हुई है।
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस मामले को संगठित अपराध के खिलाफ बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा मयंक से पूछताछ के जरिए गैंग के नेटवर्क का पूरी तरह खुलासा होगा। यह जानना जरूरी है कि हथियार कहां से आते थे, रंगदारी का पैसा कौन वसूलता था और धमकी भरे कॉल्स के पीछे किसका हाथ था। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एटीएस के पास सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई सबूत हाथ लगे हैं जो मयंक और उसके साथियों के पाकिस्तानी आर्म्स नेटवर्क से जुड़े होने की पुष्टि करते हैं। अब पूछताछ में इन तथ्यों की पुष्टि की जाएगी और अन्य अपराधियों तथा उनके ठिकानों का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है।