PATNA : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 45 वर्षीय व्यक्ति की आंख के ठीक नीचे दांत उग आया। यह दुर्लभ मामला न सिर्फ चिकित्सा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि इसे IGIMS की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर भी देखा जा रहा है।
सीवान जिले के रहने वाले रवि कुमार पिछले कुछ महीनों से चेहरे में सूजन और आंखों की रोशनी धुंधली होने की समस्या से परेशान थे। जब तकलीफ बढ़ी तो परिजन उन्हें IGIMS लेकर पहुंचे। प्रारंभिक जांच के दौरान डॉक्टर तब हैरान रह गए जब रिपोर्ट में सामने आया कि मरीज की आंख के नीचे की हड्डी में एक दांत फंसा हुआ है, जिसकी जड़ें आंख के सॉकेट (ऑर्बिट) तक पहुंच चुकी थीं।
इस दुर्लभ स्थिति को मेडिकल भाषा में ऑर्बिटल डेंटल एनोमली कहा जाता है, लेकिन आम भाषा में इसे आंख में दांत कहा जा रहा है। मरीज को IGIMS के डेंटल विभाग की ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. निम्मी सिंह की निगरानी में भर्ती किया गया। उन्होंने इस जटिल मामले को देखते हुए एक विशेष सर्जिकल टीम का गठन किया, जिसमें मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. प्रियंकर सिंह और एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ शामिल थे।
सर्जरी से पहले एडवांस CBCT स्कैनिंग की गई, जिससे दांत की सटीक लोकेशन और उसकी जड़ों की गहराई की जानकारी मिली। जांच में पता चला कि दांत ऑर्बिटल फ्लोर में फंसा हुआ है और इसे निकालना बेहद जोखिम भरा होगा। डॉक्टरों की टीम ने कई घंटों की जटिल सर्जरी के बाद बिना आंख को नुकसान पहुंचाए सफलतापूर्वक दांत को निकाल लिया। ऑपरेशन के बाद मरीज की आंखों की रोशनी सुरक्षित रही और चेहरे की सूजन भी खत्म हो गई।
डॉ. निम्मी सिंह ने बताया यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में अत्यंत दुर्लभ है। सामान्यतः दांत मुंह के भीतर विकसित होते हैं, लेकिन इस केस में दांत आंख के नीचे उग आया था। आधुनिक जांच तकनीक और अनुभवी सर्जिकल टीम की मदद से हम इसे सुरक्षित रूप से निकालने में सफल रहे। सर्जरी की सफलता के बाद IGIMS के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, उपनिदेशक डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने पूरी टीम को बधाई दी और इसे संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि करार दिया।