DESK : बिहार के बोधगया स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय (महाबोधि मंदिर और श्री जगन्नाथ मंदिर के पास) से मिड डे मील योजना को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल में बच्चों को मिलने वाला भोजन इतना निम्न गुणवत्ता का बताया जा रहा है कि छात्र स्कूल का खाना छोड़कर पास के मंदिर में चल रहे भंडारे में भोजन करने को मजबूर हैं।
जब संवाददाता ने एक छात्र से सवाल किया कि वह स्कूल में मिड डे मील क्यों नहीं खाता, तो उसने साफ कहा स्कूल में अच्छा भोजन सही से नहीं मिलता इसलिए हम यहाँ मंदिर में भोजन कर लेते हैं। बताया जा रहा है कि श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रतिदिन भंडारे का आयोजन होता है, जहाँ स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलता है।
प्रिंसिपल पर छात्रों को डराने का आरोप
मामले की पड़ताल के दौरान एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया जब स्कूल की प्रिंसिपल छात्रों पर डंडा दिखाकर बयान बदलवाने की कोशिश करते हुए, उन्होंने मीडिया के सामने यह कहने की कोशिश की कि बच्चा प्रसाद खाने गया था, लेकिन साफ देखा गया कि वह बच्चों पर दबाव बना रही थीं।
बचा हुआ भोजन कहीं और भेजे जाने का आरोप
स्कूल निरीक्षण के दौरान मिड डे मील के तहत तैयार किया गया खाना किसी अन्य के लिए पैक करते हुए भी देखा गया। जब इस बारे में प्रिंसिपल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा बचा हुआ खाना बर्बाद न हो, इसलिए गरीबों में बाँट दिया जाता है। इस योजना की आपूर्ति करने वाले NGO के प्रभारी संजय कुमार से जब पूछा गया कि बच्चों को घटिया गुणवत्ता वाला खाना क्यों परोसा जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया हमें किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए हमें जानकारी नहीं है। अब तक इस मामले में स्थानीय शिक्षा विभाग या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे अभिभावकों और आम जनता में नाराजगी देखी जा रही है।