पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में मौजूद हैं कुल 6 जिराफ, जिनकी आयु 20 वर्ष से 18 माह के बीच
पटना: विश्व जिराफ दिवस के अवसर पर शनिवार को पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में जिराफ संरक्षण को लेकर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर जिराफों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य जनसाधारण को जिराफ जैसे शांत, सौम्य और संकटग्रस्त वन्यजीव के प्रति जागरूक करना था। फिलहाल पटना चिड़ियाघर में 6 जिराफ हैं, जिनकी उम्र 20 वर्ष से 18 माह के बीच है। इनमें सबसे छोटी जिराफ “नंदनी” महज 18 माह की है, जबकि अन्य जिराफ – शांति, भीमा, हिमा, अमन और हिमानी – चिड़ियाघर परिसर में उन्मुक्त विचरण कर रहे थे।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव के अलावा पीसीसीएफ प्रभात कुमार गुप्ता, अरविन्दर सिंह, विशेष सचिव अभय कुमार सिंह, आरसीसीएफ डॉ. गोपाल सिंह, सीसीएफ एस. चंद्रशेखर, सीएफ कुमार सामी, डीएफओ गौरव ओझा और पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले 30 वर्षों में जिराफ की वैश्विक जनसंख्या में लगभग 40% की गिरावट आई है, जो अत्यंत चिंताजनक है। इस गिरावट के पीछे वनों की कटाई, अवैध शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसे प्रमुख कारण हैं। ऐसे में जिराफों के संरक्षण को लेकर प्रभावी उपाय और जनभागीदारी की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने चिड़ियाघर में मौजूद जिराफों को नजदीक से देखा और उनके व्यवहार को कैमरे में कैद किया। जिराफ, धरती पर पाए जाने वाले सबसे ऊंचे जानवर हैं, जिनकी ऊंचाई 18 फीट तक हो सकती है। वे अफ्रीका के सवाना और घास के मैदानों में “टॉवर” नामक झुंड में रहते हैं और स्वभाव से बेहद शांत होते हैं।
कार्यक्रम में आमलोगों को भी जिराफ संरक्षण की दिशा में सहयोग करने और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा दी गई।