CHAIBASA : अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को चक्रधरपुर स्थित संत जेवियर स्कूल में खनन विभाग ने छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध रूप से भंडारित बालू और गिट्टी जब्त की। कार्रवाई में करीब 44,000 सीएफटी बालू और 1,800 सीएफटी गिट्टी जब्त की गई है। खनन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि स्कूल परिसर में अवैध निर्माण सामग्री का बड़ा भंडार किया गया है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए खान निरीक्षक निखिल दास, चक्रधरपुर अंचल अधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा और पुलिस बल के साथ संयुक्त छापेमारी की गई।

छापे के दौरान स्कूल प्रबंधन नदारद
छापेमारी के दौरान हैरान करने वाली बात यह रही कि मौके पर स्कूल प्रबंधन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। न तो किसी के पास बालू-गिट्टी से संबंधित कागजात थे और न ही कोई संतोषजनक जवाब। इससे मामला और संदिग्ध हो गया। सूत्रों के अनुसार, छापे की भनक लगते ही स्कूल प्रिंसिपल और ठेकेदार मौके से फरार हो गए। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल स्कूल से निकलकर पास स्थित चर्च में जा छिपे। स्थानीय लोगों का दावा है कि चर्च परिसर में भी भारी मात्रा में बालू का भंडारण देखा गया है।

प्रशासन ने जताई सख्त कार्रवाई की तैयारी
अंचल अधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा ने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में बालू-गिट्टी का स्कूल परिसर में भंडारण प्रथम दृष्टया अवैध प्रतीत होता है। प्रबंधन द्वारा कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है, इसलिए संपूर्ण सामग्री को जब्त कर लिया गया है। ज्ञात हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश और डीसी चंदन कुमार के निर्देश के बाद जिले में बालू-गिट्टी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। 10 जून से बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है। प्रशासन के इस अभियान में लगातार छापेमारी की जा रही है।

लोगों में आक्रोश, स्कूल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में स्कूल प्रशासन को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब से नए प्रिंसिपल ने कार्यभार संभाला है, तब से स्कूल में नियमों की अनदेखी, अवैध वसूली और भ्रष्टाचार चरम पर है। स्कूल के नाम पर अभिभावकों से भारी-भरकम चंदा वसूला जा रहा है, लेकिन निर्माण सामग्री का ऐसा भंडारण कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।