76 नई जातियों को जोड़ने के बाद अब राज्य में कुल 140 जातियाँ ओबीसी सूची में होंगी, जो पहले 64 थीं
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा कदम उठाते हुए 76 नई जातियों को राज्य की ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) सूची में शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के अनुसार यह फैसला लिया गया है। नई सूची को हाल ही में सम्पन्न ओबीसी सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, उन 77 जातियों में से कई को फिर से शामिल किया गया है, जिनके जाति प्रमाणपत्रों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इनमें 75 मुस्लिम जातियां थीं। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
राजनीतिक मायने भी, मुस्लिम और हिंदू वर्ग को साधने की कोशिश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ कुछ प्रमुख हिंदू जातियों को भी साधने का प्रयास हो सकता है।
विधानसभा सत्र में पेश होगी ओबीसी सर्वे रिपोर्ट
राज्य सरकार 9 जून से शुरू हो रहे मानसून सत्र में ओबीसी सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। इसमें कुल 140 जातियों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का विवरण शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने जताया था भरोसा
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मार्च में बताया था कि वह तीन महीने के भीतर नया ओबीसी सर्वेक्षण पूरा कर लेगी। अब यह रिपोर्ट तैयार है और अंतिम मसौदे को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है।