नई दिल्ली। विमानन कंपनी इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने गुरुवार को कहा कि एयरलाइन अपने फ्लाइट नेटवर्क को फिर से शुरू कर दिया है, अब रोजाना लगभग 2,200 उड़ानों का परिचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि विमानन कंपनी का ध्यान अब खुद को मजबूत करने, मूल कारण का विश्लेषण और फिर से वापसी करने पर है। इंडिगो सीईओ का यह बयान एक संसदीय समिति द्वारा एयरलाइन की कड़ी आलोचना के कुछ घंटे बाद आया है, जिसने दिसंबर की शुरुआत में ऑपरेशनल दिक्कतों के कारण भारतीय एविएशन को लगभग ठप कर दिया था।
पीटर एल्बर्स ने इंडिगो कर्मचारियों को एक वीडियो मैसेज में कहा कि एयरलाइन की टीमों ने मुश्किल समय में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और एक-दूसरे का साथ देते हुए बड़े नेटवर्क को धीरे-धीरे वापस पटरी पर लाया। उन्होंने बताया कि विमानन कंपनी के निदेशक मंडल ने मूल-कारण का विश्लेषण करने के लिए एक बाहरी विमानन विशेषज्ञ को भी नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘9 दिसंबर को मैंने इंडिगो के परिचालन में स्थिरता आने की जानकारी साझा की थी। उसके बाद, आज 18 दिसंबर को हमने अपने नेटवर्क को 2,200 उड़ानों के साथ बहाल किया है। अब हम तीन चीजों, विमानन कंपनी को मजबूत करने, मूल कारण का विश्लेषण करने और फिर से वापसी करने ध्यान दे रहे हैं।’’
पीटर एल्बर्स ने कहा कि हाल की दिक्कतों का सबसे बुरा दौर अब पूरी तरह से पीछे छूट गया है। एल्बर्स ने कहा कि वह नेतृत्व दल के साथ कई स्थानों की यात्रा करेंगे, ताकि कर्मचारियों से मिल सकें और व्यवधानों के दौरान उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उन्हें समझ सकें। ये वे कर्मचारी हैं जिन्होंने व्यापक व्यवधान के दौरान जमीनी स्तर पर काम किया था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलट के ‘ड्यूटी’ के समय एवं आराम संबंधी नए नियमों को लागू करने में विफलता और कर्मचारियों की कमी के कारण इंडिगो ने एक से नौ दिसंबर के बीच हजारों उड़ानें रद्द कर थी। ये नियम एक नवंबर से लागू किए गए थे। डीजीसीए की एक समिति भी इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधानों की जांच कर रही है। इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने के बाद सरकार ने इंडिगो के मौजूदा शीतकालीन कार्यक्रम (शेड्यूल) में 10 फीसदी की कटौती कर दी है।
उल्लेखनीय है कि घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधान के कारण इस महीने की शुरुआत में उसकी हजारों उड़ानें रद्द हुईं, जिससे देशभर में हवाई अड्डे पर लाखों यात्रियों को असुविधा और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।





