दीघा में पहली बार निकली जगन्नाथ रथ यात्रा, ‘जगन्नाथ धाम’ नाम को लेकर विवाद

Share

दीघा (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय शहर दीघा में शुक्रवार को पहली बार भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया गया। हाल ही में निर्मित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की सजीव प्रतिमाओं को पारंपरिक रथों में विराजमान कर एक किलोमीटर की दूरी तक खींचा गया। इस आयोजन में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

रथ यात्रा का यह आयोजन ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाली प्रसिद्ध रथ यात्रा के समानांतर किया गया, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। राज्य सरकार इस पहल को दीघा को एक नए धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रही है।

हालांकि, इस आयोजन के साथ ही विवाद भी खड़े हो गए हैं। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों और विद्वानों ने दीघा को “जगन्नाथ धाम” के रूप में प्रचारित किए जाने पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह प्रयास पुरी की धार्मिक और सांस्कृतिक विशिष्टता को चुनौती देता है।

विवाद को और हवा तब मिली जब अप्रैल 2025 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंदिर का औपचारिक उद्घाटन किया था। इसके बाद से इस आयोजन को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। कई आलोचकों का मानना है कि यह कदम धार्मिक आस्था की आड़ में राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास है।

सरकारी रुख:
राज्य सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि यह पहल क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के लिए एक वैकल्पिक धार्मिक केंद्र प्रदान करने की दिशा में की गई है, न कि पुरी की परंपरा को चुनौती देने के लिए।

फिलहाल, दीघा में हुए इस आयोजन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों में उत्साह भर दिया है, लेकिन “जगन्नाथ धाम” की संज्ञा को लेकर जारी बहस के कारण यह मामला धार्मिक और सांस्कृतिक विमर्श का विषय बन गया है।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031