झारखंड विस सत्र: छात्रवृति मामले पर बाबूलाल ने सरकार को घेरा

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रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधायक और मंत्री के बीच हुई बातचीत की जांच कराने की मांग की।

बाबूलाल ने ध्यान आकर्षण के दौरान चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पास इसकी सीडी भी उपलब्ध है, जो मैं आपको दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कराने की मांग की।

इस पर वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि जिस प्रकरण की जिक्र हो रही है, वह एक पार्टी कार्यालय के भीतर का मामला है और इससे विधानसभा का कोई सरोकार नहीं है।

बाबूलाल ने सदन में उठे छात्रवृति मामले, जिसमें केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था, उसपर कहा कि इस मामले की जांच पर पाया कि झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं कर 2022 में अपनी गाइडलाइन बना दी।

इस कारण केंद्र से एसटी, एससी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृति नहीं मिल रही है। बाबूलाल ने झारखंड सरकार पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। साथ ही संसदीय कार्यमंत्री से संबंधित पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जाकर इस मामले को सुलझाने की बात कही। उन्होंने इस पर सहयोग करने की भी बात कही।

वहीं रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि राज्य के 25000 पीडीएस दुकानदारों को लंबे समय से कमीशन का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि यह केंद्र सरकार का मामला है। पोर्टल को समझने में विलंब की वजह से राशि का भुगतान नहीं हो पाया। इस दिशा में काम चल रहा है। बहुत जल्द कमीशन दे दिया जाएगा।

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