पूर्वी सिंहभूम: साकची क्षेत्र में गुरुवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करते हुए भाजपा कार्यालय का घेराव करने निकले थे। यह प्रदर्शन जमशेदपुर के साकची स्थित भाजपा जिला मुख्यालय की ओर बढ़ रहा था।
इसी दौरान भाजपा कार्यालय से भाजपा के कार्यकर्ता भी बाहर निकल आए। दोनों पक्षों के कार्यकर्ता लाठी-डंडों से लैस थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने झंडे के साथ आगे बढ़ते हुए कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और दोनों दलों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलते ही जमशेदपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए भारी संख्या में बल तैनात कर दिया और एहतियातन सड़क की घेराबंदी कर दी गई। एक ओर भाजपा तो दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता खड़े थे। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी और हंगामा होता रहा। कई बार हालात ऐसे बने कि हाथापाई शुरू हो सकती थी।
पुलिस पदाधिकारियों ने सूझबूझ दिखाते हुए दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को बंगाल क्लब के सामने पेट्रोल पंप के पास रोक दिया और आगे बढ़ने से रोकते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन का नेतृत्व नवनियुक्त जिला अध्यक्ष परविन्द्र सिंह कर रहे थे, जबकि भाजपा की ओर से जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा सहित अन्य नेता मौके पर मौजूद थे। भाजपा के कई कार्यकर्ता हाथों में लाठी-डंडे लिए पूरी तैयारी में दिखे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यदि उस समय झड़प हो जाती तो एक बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था, क्योंकि घटनास्थल के पास पेट्रोल पंप भी स्थित था। ऐसे में जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका थी। जिला प्रशासन और पुलिस ने हालात की गंभीरता को समझते हुए समय रहते हस्तक्षेप किया और किसी भी अप्रिय घटना को टाल दिया। स्थानीय राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा रही कि कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष परविन्द्र सिंह की ओर से भाजपा कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाए जाने के बाद भाजपा पहले से सतर्क और तैयार थी। इसी कारण दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बनी, हालांकि अंततः मामला भिड़ंत तक सीमित रह गया और पुलिस की सख्ती के चलते हालात नियंत्रण में आ गए।





