पटना: बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में पूर्व डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी की कुल 1.52 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। जब्त की गई संपत्तियों में पटना स्थित दो फ्लैट, बैंक बैलेंस, सोने–चांदी के आभूषण, फिक्स्ड डिपॉजिट, केवीपी–एनएससी तथा म्यूचुअल फंड में निवेश शामिल हैं। ईडी की कार्रवाई पूर्व डीआईजी पर लगे उस आरोप के आधार पर की गई है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने और अपनी पत्नी के नाम पर करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई।
1993 से 2017 के बीच कई जिलों की पोस्टिंग में जुटाई अवैध संपत्ति
विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने इस मामले में फरवरी 2017 से जांच शुरू की थी। इसके बाद मई 2017 में एफआईआर दर्ज और बाद में चार्जशीट दाखिल की गई। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
जांच में सामने आया कि शिवेंद्र प्रियदर्शी ने सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज, सिवान और पटना में पोस्टिंग के दौरान अपनी वैध आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की।
ईडी के अनुसार—
- अवैध धन का एक हिस्सा सीधे परिवार के बैंक खातों में जमा किया गया,
- कुछ राशि रिश्तेदारों के खातों के जरिए घुमाई गई,
- और कई आय को “गिफ्ट” के रूप में दिखाया गया।
IPC और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मामला
ईडी ने पूर्व डीआईजी के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया है। एजेंसी का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले समय में इस मामले में और बड़ी कार्रवाई संभव है।
ईडी की इस बड़ी कार्रवाई ने राज्य की नौकरशाही में हड़कंप मचा दिया है और एजेंसी आगे भी अवैध संपत्ति के कई अन्य मामलों की जांच कर रही है।





