रांची: झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और उसकी पत्नी रिया सिन्हा से जुड़े चार गंभीर आपराधिक मामलों की जांच अब झारखंड सीआईडी करेगी। रांची पुलिस ने इन मामलों में गुणवत्तापूर्ण और निष्पक्ष अनुसंधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जांच को सीआईडी को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है।
सीआईडी अब सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़े फायरिंग, मुठभेड़, अवैध हथियार और अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़े मामलों की विस्तृत जांच करेगी।
CID को सौंपे गए चार प्रमुख मामले
- ओरमांझी थाना कांड संख्या 189/24
जमीन कारोबारी से रंगदारी नहीं मिलने पर फायरिंग की गई थी, जिसमें दो कर्मचारी घायल हुए थे। - धुर्वा (तुपुदाना) थाना कांड संख्या 271/25
पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान तीन अपराधी गिरफ्तार हुए थे, जबकि एक बदमाश घायल हुआ था। - सदर (मेसरा) थाना कांड संख्या 506/25
इस मामले में सुजीत सिन्हा गैंग के सात अपराधियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की थी। - सदर (मेसरा) थाना कांड संख्या 512/25
इस मामले में रिया सिन्हा समेत पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। आरोपियों के पास से तीन पाकिस्तानी पिस्तौल बरामद की गई थीं। जांच में इनके प्रिंस खान गिरोह से संबंध और अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी का पर्दाफाश, रिया सिन्हा समेत पांच गिरफ्तार
22 अक्टूबर 2025 को रांची पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा सहित ‘कोयलांचल शांति सेना (KSS)’ के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से तीन पाकिस्तानी पिस्तौल बरामद की गई थीं।
गिरफ्तार आरोपियों में—
- रिया सिन्हा
- इनामुल हक
- रवि आनंद उर्फ सिंघा (बॉडीगार्ड)
- मोहम्मद शहीद उर्फ अफरीदी खान
- मोहम्मद सेराज
शामिल हैं।
ड्रोन से पाकिस्तान से मंगाए जा रहे थे हथियार
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि सुजीत सिन्हा और गैंगस्टर प्रिंस खान ड्रोन के जरिए पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से हथियार और गोला-बारूद मंगवा रहे थे। इन हथियारों का इस्तेमाल रांची सहित देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापारियों को डराकर रंगदारी वसूली के लिए किया जाता था।
रांची में इनामुल हक उर्फ बबलू खान सुजीत सिन्हा और प्रिंस खान के लिए वसूली करता था। वसूली की रकम पहले सुजीत सिन्हा के गुर्गों के जरिए प्रिंस खान तक पहुंचाई जाती थी, जिसके बाद इसे यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाता था। इस राशि का उपयोग पाकिस्तान में अवैध हथियार खरीद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में किया जाता था।
इस पूरे नेटवर्क को लेकर मेसरा थाना कांड संख्या 512/25 दर्ज किया गया है और अब मामले की गहन जांच CID करेगी।





