ऑपरेशन सिंदूर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान “परिणाम और कार्यशैली दोनों महत्वपूर्ण होते हैं”

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नई दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि “परिणाम और कार्यशैली दोनों महत्वपूर्ण होते हैं।” यह बयान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान, ऑपरेशन सिंदूर, का जिक्र किया।

जनरल चौहान ने बताया कि इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए यह सैन्य कार्रवाई शुरू की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के पहले चरण में 7 मई को भारत को कुछ नुकसान जरूर हुआ था, लेकिन इसके बाद रणनीतिक गलतियों को सुधारा गया और 9 मई को फिर से हमले सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए।

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर तक स्थित भारी सुरक्षा वाले सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए और लक्ष्यों को महज एक मीटर की सटीकता से भेदा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस ऑपरेशन ने उन चीनी हथियारों की कार्यक्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं जो पाकिस्तान के पास थे। जनरल चौहान के अनुसार, “वे (चीनी हथियार) काम नहीं आए।”

साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान के उन दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया। उन्होंने मई 2025 में सिंगापुर में दिए एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि यह दावा “पूरी तरह गलत” है। भारत के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक टीम ने भी इस दावे को झूठा बताया और स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल जो तस्वीर दिखाई गई थी, वह दरअसल 2021 में पंजाब के मोगा में हुई एक मिग-21 दुर्घटना की थी।

इस बीच, पहलगाम हमले से पहले की कुछ चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं। अमेरिका की एक प्रमुख अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज को फरवरी 2025 में पहलगाम और आसपास के इलाकों की हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजिंग के लिए 12 ऑर्डर मिले थे, जो सामान्य से दोगुने थे। ये ऑर्डर जून 2024 से शुरू हुए थे और एक पाकिस्तानी भू-स्थानिक कंपनी द्वारा दिए गए थे, जिसे अमेरिका में संघीय अपराधों में दोषी पाया गया था। इससे यह आशंका और मजबूत हुई है कि हमले से पहले इलाके की सघन निगरानी की जा रही थी।

जनरल चौहान ने अंत में कहा कि पारंपरिक और परमाणु सीमा के बीच एक रणनीतिक स्पेस होता है, जिसका इस्तेमाल भारत ने इस ऑपरेशन में बेहद सोच-समझकर किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य सटीकता और रणनीतिक स्पष्टता का एक उदाहरण बन गया है।

ऑपरेशन के बारे में सीडीएस का स्पष्टीकरण:

  • 7 मई को ऑपरेशन के पहले चरण में कुछ नुकसान हुए।
  • रणनीति में सुधार कर 9 मई को भारत ने सफलतापूर्वक हमले किए।
  • पाकिस्तानी एयरबेस पर 300 किमी अंदर तक सटीक हमले।
  • हमलों में 1 मीटर की सटीकता, आधुनिक लक्ष्य निर्धारण का संकेत।

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