DESK : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी को बड़ा झटका लगा है, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने जन सुराज की युवा इकाई में संभाल रहे अपने पद को भी छोड़ दिया, मिश्रा के इस कदम को लेकर पहले कयास लगाए जा रहे थे कि उन्होंने प्रशांत किशोर से नाराज होकर यह फैसला लिया लेकिन अब खुद आनंद मिश्रा ने सच्चाई से पर्दा उठा दिया है।
एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में आनंद मिश्रा ने स्पष्ट किया कि उनका जन सुराज छोड़ने का फैसला प्रशांत किशोर के कारण नहीं, बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह से मतभेदों की वजह से था। उन्होंने उदय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के भीतर पारदर्शिता की कमी है और कार्यशैली में अपेक्षित प्रतिबद्धता नहीं दिखती। गौरतलब है कि आनंद मिश्रा ने 2024 लोकसभा चुनाव में बक्सर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाई थी। चुनाव परिणाम में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वे चौथे स्थान पर रहे, बताया जा रहा है कि मिश्रा इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया।
चुनाव हारने के बाद आनंद मिश्रा ने जन सुराज आंदोलन का दामन थामा था, उन्हें युवाओं में अच्छी पकड़ के कारण पार्टी में अहम भूमिका दी गई थी। लेकिन अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी के चलते उन्होंने किनारा कर लिया, आनंद मिश्रा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के करीबी माने जाते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान खुद सरमा ने खुलासा किया था कि मिश्रा ने वीआरएस लेकर बिहार में भाजपा के लिए काम करने की इच्छा जताई थी, लेकिन टिकट नहीं मांगा था। अब यह भी संकेत मिल रहे हैं कि वे दोबारा असम लौट सकते हैं, हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद कहा था कि वे आनंद मिश्रा को असम बुलाकर कोई नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।