DESK : संसद के मानसून सत्र की शुरुआत जबरदस्त हंगामे के साथ हुई, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की जिससे लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई और अंततः मंगलवार तक के लिए रोक दी गई। वहीं राज्यसभा में भी पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तीखी बहस और हंगामे का माहौल रहा, सत्र की शुरुआत होते ही विपक्षी सांसदों ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल तक आ गए, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। अंततः लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को मंगलवार तक स्थगित कर दिया।
विपक्ष ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है, अब तक 145 लोकसभा सांसद महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। ज्ञापन पर कांग्रेस, जेडीयू, जेडीएस, टीडीपी, शिवसेना (शिंदे), सीपीएम और अन्य दलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों को अब तक न पकड़ पाने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। साथ ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान सीजफायर में मध्यस्थता के दावे पर भी सरकार की चुप्पी पर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति को दुनिया के सामने रखा है, सेना ने अपने लक्ष्य को 22 मिनट में पूरा कर आतंक के अड्डों को नष्ट कर दिया। उन्होंने पहलगाम हमले को क्रूर अत्याचार बताया और विपक्ष से अपील की कि दलहित में भले मत न मिले, लेकिन देशहित में मन जरूर मिले। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को तैयार है, फिर भी विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही बाधित हुई।
मानसून सत्र के दौरान सरकार 17 प्रमुख विधेयक पेश करने की योजना में है, इसमें आयकर विधेयक 2025 को विशेष रूप से अहम माना जा रहा है। सरकार के अनुसार यह सत्र गौरव और विजय उत्सव के रूप में इतिहास में दर्ज होगा, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), TMC और अन्य दल सरकार को घेरने के लिए 8 प्रमुख मुद्दों को लेकर तैयार हैं। इनमें मणिपुर हिंसा, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा, विदेश नीति, पहलगाम हमला, SIR (बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण) आदि प्रमुख हैं।