PATNA : बिहार विधानसभा का मानसून सत्र एक बार फिर राजनीतिक उबाल और तीखी नोकझोंक का गवाह बना। सदन में उस समय अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो गई, जब विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और मंत्री जीवेश मिश्रा पर सख्त लहजे में नाराज़गी जाहिर करनी पड़ी। दरअसल सदन की कार्यवाही के दौरान किसी प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी, इसी दौरान मंत्री जीवेश मिश्रा लगातार हस्तक्षेप करने लगे। स्पीकर ने उन्हें कई बार विनम्रतापूर्वक टोका और बैठने का निर्देश दिया, स्पीकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा आप बैठिए निर्णय लेना अध्यक्ष का काम है, मंत्री का नहीं मगर इसके बावजूद मंत्री जीवेश मिश्रा पीछे नहीं हटे।
इसके बाद जब उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी अपनी बात जोरदार ढंग से रखने की कोशिश की, तो अध्यक्ष का सब्र जवाब दे गया। नंदकिशोर यादव ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा आप उपमुख्यमंत्री होकर हंगामा करना चाहते हैं? निर्णय लेना अध्यक्ष का अधिकार है सदन में मर्यादा बनाए रखें।
सदन में क्यों मचा था हंगामा?
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आरजेडी विधायकों ने राज्य में मतदाता सूची से नाम काटे जाने के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भाषण दे रहे थे, तो स्पीकर ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि वे अपनी बात जल्द समाप्त करें ताकि उनके अन्य सहयोगियों को भी बोलने का समय मिल सके। इस पर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र भड़क उठे और कथित तौर पर असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए कहा किसी के बाप का है क्या सदन? इस विवादित टिप्पणी पर सत्ता पक्ष भड़क गया और सदन में हंगामा तेज हो गया।
स्पीकर की सख्ती, कार्यवाही स्थगित
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने बार-बार भाई वीरेंद्र से खेद प्रकट करने की मांग की उन्होंने कहा भाई वीरेंद्र ने जिन शब्दों का उपयोग किया, वह हमने भी सुना है। हमने खेद प्रकट किया है, उन्हें भी करना चाहिए। लेकिन विपक्ष की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली, तेजस्वी यादव ने कहा कि वे जनहित का मुद्दा उठा रहे हैं और सत्ता पक्ष इस पर अनावश्यक प्रतिक्रिया दे रहा है। स्थिति बिगड़ती देख स्पीकर ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।