PATNA : बिहार की राजधानी पटना में अपराध का ग्राफ एक बार फिर तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है, ताजा मामला राजधानी के राजेंद्र नगर टर्मिनल के पास से सामने आया है जहां 10 सितंबर 2025 को अज्ञात हमलावरों ने दिनदहाड़े राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और जमीन कारोबारी राजकुमार राय उर्फ अल राय की गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के मुताबिक मूल रूप से वैशाली जिले के राघोपुर निवासी राजकुमार राय पर बाइक सवार दो अज्ञात अपराधियों ने अचानक ताबड़तोड़ छह गोलियां दागीं। हमले में राजकुमार राय की मौके पर ही मौत हो गई, वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
घटना की सूचना मिलते ही पटना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान की कोशिश जारी है। प्रारंभिक जांच में जमीन विवाद और राजनीतिक रंजिश को हत्या की बड़ी वजह माना जा रहा है, हालांकि पुलिस ने अभी किसी ठोस निष्कर्ष की पुष्टि नहीं की है मामले की तफ्तीश तेजी से की जा रही है।
गौरतलब है कि पटना में पिछले कुछ महीनों में कई हाई-प्रोफाइल हत्याएं सामने आई हैं, जिसने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जुलाई 2025: पटना के मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में पुलिस ने एक शूटर उमेश यादव और हत्या की सुपारी देने वाले एक व्यापारी को गिरफ्तार किया था, एक अन्य आरोपी विकास उर्फ राजा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
जुलाई 2025: रेत कारोबारी रामकांत यादव और वकील जितेंद्र महतो की भी अलग-अलग घटनाओं में हत्या की गई।
सितंबर 2024: बीजेपी नेता श्याम सुंदर शर्मा उर्फ मुन्ना शर्मा की लूट के दौरान हत्या ने राजधानी में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी थी।
लगातार हो रही इन वारदातों के बीच विपक्ष ने एक बार फिर नीतीश कुमार सरकार को आड़े हाथों लिया है। राजद और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार अपराध पर काबू पाने में नाकाम रही है। सुपारी किलिंग, हथियारों की तस्करी और भूमि विवाद से जुड़े अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है जिससे आम जनता में डर और अविश्वास का माहौल बनता जा रहा है। हालांकि पुलिस प्रशासन का दावा है कि वह अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है।