DESK : केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीनस्थ संस्था केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नगड़ी (रांची) में राष्ट्रीय तसर रेशम कृषि मेला एवं संस्थान के 61वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भारत सरकार के वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

इस अवसर पर श्री पी. शिवकुमार, सदस्य सचिव, केंद्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलुरु; डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, कुलपति, रांची विश्वविद्यालय; श्री परितोष उपाध्याय, पीसीसीएफ (वन्य जीव), झारखंड; डॉ. नरेश बाबू, संयुक्त सचिव/सीईओ, SMOI, बेंगलुरु; तथा श्री गौतम कुमार, महाप्रबंधक, NABARD रांची सहित कई गणमान्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की भव्य शुरुआत
संस्थान के निदेशक डॉ. एन.बी. चौधरी ने मुख्य अतिथि समेत सभी विशिष्ट अतिथियों का स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र से सम्मान कर स्वागत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सभी अतिथियों ने तसर उद्योग के समग्र विकास, उसमें संस्थान की भूमिका और आदिवासी किसानों की भागीदारी को रेखांकित किया। मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि रेशम उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिसका श्रेय उन्होंने श्री पी. शिवकुमार के नेतृत्व को दिया। उन्होंने NABARD के अधिकारियों से झारखंड के गरीब एवं आदिवासी किसानों को तसर पालन के लिए आर्थिक मदद देने की अपील की।

नवाचार और तकनीक को प्रोत्साहन
मंत्री ने कहा कि भारत एकमात्र देश है जहां रेशम की चारों प्रजातियों शहतूत, तसर, मूगा और एरी का उत्पादन होता है। उन्होंने संस्थान से आग्रह किया कि तसर पालन के साथ-साथ उप-उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जाए ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके। उन्होंने गृह कीटपालन को बढ़ावा देने और सीसीटीवी निगरानी के जरिए कीट गतिविधि पर नज़र रखने की तकनीक को अपनाने का सुझाव दिया। इसके अलावा तसर कीट को अन्य पेड़-पौधों की पत्तियों से भी पालने की संभावनाएं तलाशने को कहा।
