साहेबगंज: साहेबगंज जिले के नींबू पहाड़ अवैध पत्थर खनन मामले में CBI ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। अब एजेंसी सिर्फ नामजद अभियुक्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर प्रभावशाली अफसरों और राजनीतिज्ञों को भी नोटिस भेजने की तैयारी में है। जल्द ही इस मामले में बड़े नामों पर शिकंजा कसने की संभावना है।
कैसे शुरू हुई जांच?
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रांची स्थित CBI जोन ने विजय हांसदा की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी (6/22) को री-रजिस्टर कर प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
प्रारंभिक जांच के बाद CBI ने नवंबर 2023 में नियमित केस दर्ज किया, जिसमें कुल 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया।
ईडी ने भी दायर की प्रॉसिक्यूशन रिपोर्ट
CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी के नामजद अभियुक्तों के खिलाफ ईडी अपनी जांच पूरी कर आरोप पत्र दायर कर चुकी है।
राजेश यादव उर्फ दाहू यादव को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त जेल भेजे जा चुके हैं।
दाहू यादव अब भी फरार
- ईडी की पहली पूछताछ में दाहू यादव उपस्थित हुआ था।
- बाद में पारिवारिक बीमारी का हवाला देकर समय मांगा और फरार हो गया।
- सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर जांच में उपस्थित होने का आदेश दिया।
- उसने बीमारी का पत्र भेजकर एक महीने का समय मांगा, लेकिन कभी उपस्थित नहीं हुआ।
- तब से फरार है।
CBI की तेज कार्रवाई : कई ठिकानों पर छापेमारी
नियमित केस दर्ज होने के बाद CBI ने साहेबगंज में कई दौरे किए।
- टीम ने अवैध खनन स्थल का भौतिक निरीक्षण किया
- स्थानीय लोगों से पूछताछ की
- नोटिस भेजकर कई संदिग्धों के बयान दर्ज किए
पिछले वर्ष नवंबर में CBI ने मिले सबूतों के आधार पर अवैध खनन से जुड़े 20 ठिकानों को जांच के दायरे में शामिल किया।
इन ठिकानों का कनेक्शन साहेबगंज, पटना और कोलकाता से था।
CBI की प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त
- विष्णु प्रसाद यादव
- पवित्र कुमार यादव
- पंकज मिश्रा
- राजेश यादव
- संजय कुमार यादव
- बच्चू यादव
- संजय यादव
- सुवेश मंडल
DMO समेत प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई
CBI ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए साहेबगंज के तत्कालीन DMO (जिला खनन पदाधिकारी) के premises में भी छापेमारी की।
यहां से बरामद हुआ—
- 50 लाख रुपये के जेवरात
- 1.5 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से जुड़े दस्तावेज
- अन्य ठिकानों से
- 60 लाख रुपये नकद
- 1 किलो सोना
- 9mm की गोलियाँ
पूछताछ के दौरान CBI को अधिकारियों और राजनीतिज्ञों की संलिप्तता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
अब होगी बड़ी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट से सरकार की याचिका खारिज होने के बाद CBI को जांच में पूर्ण स्वतंत्रता मिल गई है।
एजेंसी अब तक जुटाए गए सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर प्रभावशाली लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है। जल्द ही मामले से जुड़े कई बड़े नामों पर CBI की कार्रवाई संभव है।





