PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी सरगर्मी अब चरम पर पहुंच रही है, राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर कुछ ही महीनों बाद मतदान होने हैं और तमाम दलों ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में एनडीए ने चुनावी मोर्चे पर पूरी ताकत झोंक दी है, पीएम नरेंद्र मोदी अगले एक महीने के भीतर बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में ताबड़तोड़ सभाएं करेंगे।
15 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा रैली अभियान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों का शेड्यूल 15 जुलाई से 15 सितंबर के बीच तय किया गया है। अभी तक कोसी, गया और बेगूसराय जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सभाओं की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बाकी प्रमंडलों के लिए स्थानों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि हर रैली को इस तरह से डिज़ाइन किया जा रहा है कि वह एनडीए कार्यकर्ताओं में जोश भरे और मतदाताओं को प्रभावित करे।
अमित शाह का फोकस संगठन पर
पीएम मोदी के इस मैराथन प्रचार अभियान के समानांतर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बूथ स्तर तक संगठन की मजबूती पर फोकस कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार शाह प्रदेश भर में दर्जनों छोटी-छोटी बैठकें करेंगे, ताकि जमीनी कार्यकर्ता सक्रिय हों और चुनावी रणभूमि के लिए तैयार रहें।
जनसभाओं में क्या कह रहे हैं पीएम मोदी?
अब तक मधुबनी, बिक्रमगंज और सिवान में हुई जनसभाओं में पीएम मोदी ने एनडीए के विकास कार्यों को प्रमुखता से सामने रखा है। सिवान में 10,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए उन्होंने राजद-कांग्रेस गठबंधन को घेरा और कहा हमारा नारा है सबका साथ, सबका विकास लेकिन उनका है परिवार का साथ, परिवार का विकास। उन्होंने ‘जंगल राज’ की याद दिलाते हुए जनता से आग्रह किया कि वे बिहार को फिर से अंधेरे में न लौटने दें।
क्या है NDA की रणनीति?
एनडीए की रणनीति पूरी तरह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और केंद्र एवं राज्य की डबल इंजन सरकार के कामकाज पर केंद्रित है। बजट में घोषित योजनाएं जैसे पटना एयरपोर्ट का विस्तार, मिथिलांचल में मखाना बोर्ड की स्थापना मतदाताओं को लुभाने के अहम मुद्दे हैं। बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद का दावा है कि डबल इंजन सरकार ने 2005 के बाद बिहार को सुशासन की नई राह पर डाला है। वहीं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा दिल्ली में मिली जीत के बाद एनडीए इस बार 243 में से 225 सीटें जीतने को तैयार है।
आगामी चुनाव पर नजर चुनाव आयोग भी बिहार का दौरा करने की तैयारी में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव इस बार दो या तीन चरणों में हो सकते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री की ये मैराथन रैलियां और एनडीए का विकासपरक एजेंडा कितना असर दिखा पाता है। यह सवाल अब हर सियासी गलियारे में गूंज रहा है, प्रमंडल स्तर की रैलियों और ज़मीनी संगठन की तैयारियों से जहां एनडीए में आत्मविश्वास है वहीं विपक्ष भी अपने गणित को मजबूत करने में जुटा है। अब देखना है कि जनता का मूड किस ओर रुख करता है।