PATNA : बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा है, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का जनाधार लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश की दो जानी-मानी हस्तियों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी को एक नई मजबूती दी है। इनमें एक पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह और दूसरे लोकप्रिय भोजपुरी गायक एवं अभिनेता रीतेश पांडेय हैं। प्रशांत किशोर की अगुवाई में जन सुराज अब राज्य में नई राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटी हुई है, विधानसभा चुनाव से पहले अन्य राजनीतिक दल जहां सियासी समीकरण साधने में लगे हैं वहीं जन सुराज ने दो प्रभावशाली चेहरों को अपने साथ जोड़कर बड़ा सियासी संदेश दिया है।
कौन हैं जयप्रकाश सिंह?
जयप्रकाश सिंह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी रहे हैं और हिमाचल प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक (ADGP) के पद पर कार्यरत थे। मूल रूप से बिहार के सारण जिले के रहने वाले जयप्रकाश ने UPSC परीक्षा में 59वीं रैंक हासिल की थी। पुलिस सेवा में आने से पहले वे भारतीय सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी करीब 12 वर्षों तक कार्यरत रहे। पारिवारिक आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के बावजूद, उन्होंने संघर्ष के दम पर प्रशासनिक सेवा में बड़ी उपलब्धि हासिल की।
रीतेश पांडेय की नई सियासी पारी
भोजपुरी फिल्म जगत के चर्चित गायक और अभिनेता रीतेश पांडेय भी अब राजनीति में कदम रख चुके हैं, जन सुराज से जुड़कर उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। बिहार में उनकी लोकप्रियता का लाभ पार्टी को चुनाव में मिल सकता है, प्रशांत किशोर ने किशनगंज के चर्चित माता गुजरी मेडिकल कॉलेज प्रकरण को फिर से उठाया है। उन्होंने मीडिया के सामने मृतक राजेश साह की मां अमला देवी और बहन रीता देवी को पेश किया, जिन्होंने वर्ष 2007 में हुई राजेश की हत्या के लिए भाजपा के एक बड़े नेता पर सवाल उठाया। पीके ने कहा कि उस समय किशनगंज के एसपी ने निजी स्वार्थवश केस को दबाने की कोशिश की थी, उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी की पत्नी को इसी मेडिकल कॉलेज से बिना प्रवेश परीक्षा के एमबीबीएस में नामांकन मिला था।
अपराध और मुफ्त बिजली योजना पर भी बोले पीके
प्रशांत किशोर ने राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि अपराध इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि पुलिस-प्रशासन निकम्मा हो चुका है। आम लोगों की हत्या हो रही है, नेताओं और अधिकारियों को नहीं छुआ जाता क्योंकि उनकी सुरक्षा में पूरा तंत्र लगा होता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना को उन्होंने लॉलीपॉप करार दिया, पीके ने दावा किया कि यह सिर्फ दिखावा है और वास्तविक लाभ बहुत सीमित लोगों को मिलेगा।