नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। इससे पहले शनिवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें प्रमुख दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। सत्र से पहले हुई इस बैठक में विपक्ष ने सरकार को जम्मू-कश्मीर हमले, ऑपरेशन सिंदूर, मतदाता सूची में सुधार और वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर घेरने के संकेत दिए।
कौन-कौन रहा शामिल?
बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, किरण रिजिजू, कांग्रेस सांसद सुरेश और जयराम रमेश, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, एनसीपी-एससीपी की सुप्रिया सुले, बीजेपी सांसद रवि किशन, समाजवादी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, जेडीयू, एआईएडीएमके, सीपीआई(एम) और डीएमके के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विपक्ष के चार बड़े मुद्दे
बैठक के दौरान चार प्रमुख मुद्दे विपक्ष की ओर से उठाए गए, जिन पर मानसून सत्र में हंगामे के आसार हैं:
- 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला
- 7 मई को शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर
- बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण (SIR)
- वक्फ संपत्ति से संबंधित नया विधेयक
आप नेता संजय सिंह ने बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के कथित सीजफायर दावों पर भी सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की।
सरकार लाएगी ये अहम विधेयक
मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई नए विधेयक पेश करने और महत्वपूर्ण संशोधन पारित कराने की तैयारी में है:
- मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
- जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
- विरासत स्थल और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक, 2025
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
13 और 14 अगस्त को नहीं चलेगी संसद
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर 13 और 14 अगस्त को संसद की कार्यवाही नहीं होगी। मानसून सत्र से पहले ही माहौल गरमाता दिख रहा है। विपक्ष ने जहां सरकार को चार अहम मुद्दों पर घेरने की तैयारी की है, वहीं सरकार विधायी एजेंडे के जरिए विकास के संदेश को आगे ले जाना चाहती है। संसद के इस सत्र में तीखी बहस और संभावित गतिरोध की पूरी संभावना है।