PATNA : बिहार की राजनीति एक बार फिर बड़े सियासी उलटफेर की ओर बढ़ रही है, आरजेडी (RJD) से छह साल के लिए निकाले जाने के बाद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं लेकिन इस नई पार्टी के साथ एक और नाम सुर्खियों में है अनुष्का यादव। पिछले कुछ समय से तेज प्रताप और अनुष्का के बीच के रिश्ते को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है और अब चर्चा ये है कि क्या अनुष्का सिर्फ तेज प्रताप की निजी जिंदगी का हिस्सा बनेंगी या फिर उनकी राजनीतिक सफर की भी हमसफर होंगी?
तेज प्रताप की नई पार्टी
सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी का नाम टीम तेज प्रताप यादव रखने वाले हैं जिसके जरिए वे युवाओं, छात्रों और ग्रामीण वोटर्स को जोड़ने की कोशिश करेंगे। पार्टी की रणनीति खासतौर पर बिहार के उस तबके को टारगेट करने की है जो खुद को मौजूदा राजनीतिक विकल्पों से निराश मानता है।
अनुष्का की भूमिका पर उठ रहे सवाल
तेज प्रताप के करीबी सूत्रों के अनुसार अनुष्का यादव पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं, माना जा रहा है कि वे न सिर्फ तेज प्रताप के साथ कैंपेन में नजर आएंगी बल्कि उन्हें संगठन में भी प्रमुख जिम्मेदारी दी जा सकती है। हाल ही में तेज प्रताप के अनुष्का के घर जाकर घंटों बिताने और परिवार के साथ मीटिंग करने की खबर ने इन अटकलों को और मजबूती दी है।
वो वायरल फोटो और बीते रिश्ते
26 मई को तेज प्रताप और अनुष्का की एक वायरल फोटो ने पूरे सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी, फोटो के साथ दावा किया गया कि दोनों के बीच 12 साल पुराना रिश्ता है। हालांकि तेज प्रताप ने पहले कहा था कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था लेकिन बाद में उन्होंने माना कि फोटो उन्होंने खुद पोस्ट की थी। तेज प्रताप ने कहा हां वो पोस्ट मैंने ही डाली थी अब वो बीती बातें हैं। मेरा फोकस अब बिहार के विकास और आने वाले चुनावों पर है।
कहां से लड़ेंगे अगला चुनाव?
जब तेज प्रताप से पूछा गया कि अगला चुनाव वे हसनपुर से लड़ेंगे या महुआ से, तो उन्होंने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सावन की पहली सोमवारी पर हसनपुर पहुंचे तेज प्रताप ने कहा मैं यहां जनता की समस्याएं सुनने आया हूं, बाकी सब समय पर तय होगा। तेज प्रताप की नई पार्टी और उनकी RJD से बगावत सीधे तौर पर लालू यादव की पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर हसनपुर और महुआ जैसी सीटों पर जहां तेज प्रताप की अच्छी पकड़ रही है, जानकारों का मानना है कि इससे RJD के वोट बैंक में सेंध लग सकती है जिसका सीधा फायदा NDA को मिल सकता है।