PATNA : बिहार की सियासत में सावन सोमवार को मटन पार्टी ने नया तूफान खड़ा कर दिया है, NDA गठबंधन की एक पार्टी द्वारा सावन के पवित्र महीने में मटन पार्टी आयोजित किए जाने को लेकर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। पार्टी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही यह मामला तेजी से गरमाने लगा। दरअसल NDA के एक विधायक द्वारा सावन सोमवार के दिन अपने सरकारी आवास पर भोज का आयोजन किया गया जिसमें मटन, चिकन और फिश करी जैसे मांसाहारी व्यंजन परोसे गए। आमतौर पर सावन माह में लोग शाकाहार का पालन करते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं, ऐसे में मटन पार्टी की तस्वीरें वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।
तेजस्वी यादव का तीखा तंज
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने NDA पर करारा हमला बोला, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा मोदी जी की कैबिनेट में बिहार से तीन ऐसे मंत्री हैं जो सावन में भी प्रतिदिन 3 किलो मटन खाते हैं लेकिन दिखावटी तौर पर सनातन पर लंबा चौड़ा ज्ञान देते हैं। हमें किसी के खाने से कोई आपत्ति नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री जी भी कितने Selective हैं। इन्हें अपनी पार्टी के नेताओं का मटन खाना अच्छा लगता है, लेकिन विपक्षी नेताओं के खाने को झूठ के सहारे राष्ट्रीय मुद्दा बना देते हैं। तेजस्वी ने इसे NDA का दोहरे चरित्र वाला रवैया करार दिया और कहा कि यह दिखाता है कि इन लोगों के लिए आस्था केवल एक चुनावी मुद्दा है।
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की पार्टी से उठा विवाद
बवाल की असली वजह केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता ललन सिंह द्वारा मुंगेर में आयोजित मटन पार्टी को बताया जा रहा है एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान ललन सिंह ने मंच से लोगों को भोज के लिए आमंत्रित करते हुए मुस्कुराते हुए कहा भोजन बना हुआ है, बढ़िया भोजन है, सावन वाला भी भोजन है और जो सावन माह को नहीं मानते उनके लिए भी भोजन है। इसके बाद जेडीयू कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने मटन पार्टी का जमकर आनंद लिया, लेकिन जैसे ही तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया।
NDA में पसरा सन्नाटा, विपक्ष को मिला मुद्दा
जहां एक तरफ NDA नेताओं ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है, वहीं विपक्ष को NDA की कथनी और करनी के फर्क को उजागर करने का अवसर मिल गया है। विपक्ष इसे दिखावे की भक्ति और राजनीतिक पाखंड का नाम दे रहा है।