Desk : ये गूंज सिर्फ एक टीम के नाम की नहीं थी, ये गूंज थी 18 साल के लंबे इंतज़ार की जीत की। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में क्रिकेट इतिहास का वो अध्याय लिखा गया, जिसका हर पन्ना सिर्फ विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के नाम था। आईपीएल 2025 के फाइनल में RCB ने बाज़ी मारी और पहली बार खिताब अपने नाम किया।
विराट कोहली का 18 साल पुराना सपना आखिरकार हकीकत बन गया। जैसे ही जीत मिली, कोहली मैदान पर ही फूट-फूटकर रो पड़े। स्टैंड में बैठीं उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा की आंखें भी नम थीं। करोड़ों RCB फैन्स की उम्मीदों, दुआओं और आंखों का पानी सब कुछ एक साथ बह निकला।
अध्यात्म और विराट, फिर हुआ चमत्कार
RCB की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे मैदान के बाहर एक और नाम लगातार चर्चा में रहा बाबा प्रेमानंद महाराज। विराट कोहली हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में दर्शन करने पहुंचे थे। यह वही विराट हैं, जो कभी नीम करोली बाबा, कभी हनुमानगढ़ी और कभी अध्यात्म के अन्य मार्गों से शक्ति प्राप्त करते रहे हैं। कहा जाता है कि जब-जब विराट कोहली मैदान पर मुश्किल में रहे हैं, आस्था और श्रद्धा ने उन्हें नई ऊर्जा दी है। और इस बार तो जैसे चमत्कार ही हो गया। 17 साल की नाकाम कोशिशों के बाद विराट कोहली ने IPL ट्रॉफी को छू लिया।
फैन्स की आंखों में सपनों की चमक
मैच खत्म होने के बाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम में देर रात तक जश्न चलता रहा। हर कोने से एक ही आवाज़ आती रही RCB…RCB… यह केवल जीत नहीं थी, यह एक इमोशनल राइट थी एक पूरी पीढ़ी की भावनाओं का विस्फोट था। विराट कोहली के फैंस के लिए यह फाइनल नहीं, बल्कि एक धार्मिक उत्सव की तरह था। अब जब RCB की झोली में ट्रॉफी आ चुकी है, एक युग का अंत और एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है। क्रिकेट के इस अविस्मरणीय अध्याय में विराट कोहली, प्रेमानंद महाराज और RCB तीनों के नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गए हैं।