बिहार को मिली नई सौगात: वैशाली में 550.48 करोड़ की लागत से तैयार ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप’ का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे उद्घाटन

Share

VAISHALI : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 जुलाई को एक ऐतिहासिक सौगात बिहारवासियों को देने जा रहे हैं। वैशाली गढ़ पर भव्य ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप’ का उद्घाटन किया जाएगा, जिसका निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹550.48 करोड़ रुपये है और यह 72 एकड़ भूमि में फैला हुआ है, यह स्तूप वैशाली से लेकर मुजफ्फरपुर जिले तक विस्तृत है।

इस स्तूप परिसर को विशेष रूप से पर्यटन और बौद्ध विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। परिसर में ध्यान आकर्षित करने के लिए पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, संग्रहालय ब्लॉक, एम्फीथियेटर, कैफेटेरिया, 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र, आधुनिक पार्किंग की सुविधा सहित कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की रहेगी उपस्थिति

इस ऐतिहासिक उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार सरकार के कई मंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहेंगे। वहीं इस कार्यक्रम में चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, भूटान, वियतनाम, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, मंगोलिया, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे 15 बौद्ध देशों के भिक्षुओं की सहभागिता संभावित है। यह आयोजन वैश्विक स्तर पर बिहार की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को एक नई पहचान देगा।

भगवान बुद्ध का अस्थि कलश होगा प्रमुख आकर्षण

यह स्मृति स्तूप ऐतिहासिक पुष्करणी तालाब और मड स्तूप के समीप स्थित है। संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया जाएगा, जो वर्ष 1958-62 के पुरातात्विक उत्खनन के दौरान प्राप्त हुआ था। यह कलश इस स्मारक का प्रमुख आकर्षण होगा।

राजस्थान और ओडिशा की कला का अनूठा संगम

इस भव्य स्तूप को राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से लाए गए 42,373 बलुआ पत्थरों से टंग एंड ग्रूव तकनीक द्वारा जोड़ा गया है, जिससे इसकी मजबूती और सौंदर्य दोनों ही अद्वितीय हैं। यह संरचना आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से युक्त है। वहीं, भगवान बुद्ध की प्रतिमा का निर्माण ओडिशा के कलाकारों द्वारा किया गया है जो इस स्थल की विशेष पहचान बनेगी।

पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार ने बताया कि यह परियोजना बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है। इसके निर्माण से न केवल वैशाली को विश्व बौद्ध मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नई दिशा और गति मिलेगी।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
November 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930