PATNA : महागठबंधन ने जिला स्तरीय संयोजकों के साथ हुई बैठक में चुनावी गड़बड़ियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बैठक में तय किया गया कि वोटर प्रोटेक्शन को लेकर राज्यभर में विशेष अभियान चलाया जाएगा, नेताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग के नाम पर “फर्जी आंकड़े” प्रस्तुत किए जा रहे हैं और आम मतदाताओं खासकर गरीब, मजदूर और दलित तबके को जानबूझकर डराया जा रहा है। महागठबंधन नेताओं ने बताया कि जब वे दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे थे, तब आयोग “बेफिक्र” नजर आया। नेताओं का कहना है कि आयोग ने बातचीत के दौरान दो प्रमुख वादे किए थे पहला कि हर घर पर BLO तीन बार जाएगा और दूसरा कि मतदाता सूची से नाम हटाने में पारदर्शिता बरती जाएगी, लेकिन बैठक में नेताओं ने बताया कि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है कई इलाकों में अब तक BLO एक बार भी नहीं पहुंचा है।
महागठबंधन का आरोप है कि लोगों को डराने और धमकाने का सिलसिला चल रहा है, जगह-जगह विदेशी नागरिकों खासतौर पर बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों की झूठी कहानियां गढ़ी जा रही हैं। नेताओं ने सवाल उठाया कि अगर 2018 तक चुनाव आयोग के पास महज तीन शिकायतें थीं कि विदेशी नागरिक मतदाता सूची में शामिल हैं, तो 2025 में अचानक हर गली-मुहल्ले में ये विदेशी कहां से आ गए? महागठबंधन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि ‘Sir’ (सस्पेक्टेड इलिजिबल वोटर्स) की आड़ में बिहार के गरीब और मेहनतकश तबके के वोटों को निशाना बनाया जा रहा है।
महागठबंधन नेताओं ने इसे सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा है कि बिहार में बड़े पैमाने पर गरीबों, दलितों और प्रवासी मजदूरों के वोट काटे जा रहे हैं। यह पूरी योजना चुनाव चुराने की साजिश है, ऐसे में हमारा अभियान चलेगा चुनाव चोर, गाड़ी छोड़। महागठबंधन ने गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी के साथ हुए व्यवहार को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया, सवाल उठाते हुए कहा गया तुषार गांधी से आपको क्या खतरा है जो उनका अपमान किया जा रहा है? नेताओं का कहना है कि यह लोकतंत्र और महापुरुषों के अपमान का प्रतीक है।