रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आगामी 11 जून को झारखंड दौरे पर आ रही हैं। इस दौरान वे देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इसके अलावा, राष्ट्रपति बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगी। हालांकि, उनके इस दौरे से पहले राज्य सरकार और एम्स प्रशासन के बीच समन्वय की कमी को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एम्स के कार्यकारी निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निदेशक सरकार को जानकारी दिए बिना राष्ट्रपति के कार्यक्रमों को तय कर रहे हैं और यह कार्यभार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के इशारे पर किया जा रहा है। मंत्री ने चेतावनी दी कि एम्स जैसे संस्थानों को किसी के बहकावे में आकर कार्य नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें संविधान और जनहित के दायरे में रहकर पारदर्शी तरीके से संचालन करना चाहिए।
डॉ. अंसारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड सरकार को राष्ट्रपति के कार्यक्रम की जानकारी मीडिया से मिल रही है, जबकि एम्स राज्य का सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान है और इसके हर आयोजन में राज्य सरकार की सहभागिता अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले लोग स्वास्थ्य सेवाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं, और इस प्रकार की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एम्स की स्थापना कांग्रेस की सरकार में हुई थी, लेकिन श्रेय लेने की होड़ में दूसरी पार्टी इसके उद्घाटन को अपना बताने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार एम्स को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और अगर प्रबंधन को किसी प्रकार की समस्या है, तो वह सीधे सरकार से संपर्क करे। मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि अगर निदेशक पर राजनीतिक दबाव है, तो उन्हें इस बारे में सरकार को सूचित करना चाहिए।
अंत में, मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राष्ट्रपति के देवघर दौरे पर झारखंड सरकार की ओर से भव्य और गरिमामय स्वागत किया जाएगा, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो इसके लिए पारदर्शिता और समन्वय ज़रूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एम्स का संचालन किसी पार्टी विशेष के इशारे पर नहीं, बल्कि संविधान के तहत जनहित में जारी रहेगा।