मासिक धर्म का रक्त। शोधकर्ता अब इस रक्त का इस्तेमाल एंडोमेट्रियोसिस और कैंसर जैसी जटिल बीमारियों के तंत्र को समझने के लिए कर रहे हैं, जिससे नए इलाज और डायग्नोस्टिक्स विकसित करने की बड़ी संभावनाएँ पैदा हो गई हैं। मासिक धर्म के रक्त में ऐसी जीवित प्रतिरक्षा कोशिकाएँ पाई जाती हैं, जो प्रजनन पथ से आती हैं। इन कोशिकाओं का गहन अध्ययन, सूजन की प्रक्रिया को समझने और दर्दनाक यौन संबंधों जैसे लक्षणों के इलाज के लिए नई पद्धतियाँ विकसित करने में मदद कर सकता है।
ऑर्गेनॉइड्स निर्माण और त्वचा की तेज़ मरम्मत
शोधकर्ता एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं के मासिक धर्म के रक्त से ‘ऑर्गेनॉइड’ विकसित करने में भी सफल रहे हैं। ये ऑर्गेनॉइड प्रयोगशाला में इस बीमारी का मॉडल बनाने में मदद करते हैं। एक और चौंकाने वाला शोध परिणाम यह है कि मासिक धर्म के द्रव से प्राप्त प्लाज्मा ने क्षतिग्रस्त त्वचा के घावों को सामान्य रक्त प्लाज्मा की तुलना में बहुत तेज़ गति से पूरी तरह से ठीक करने में मदद की है।
इस रक्त से प्राप्त स्टेम कोशिकाएं, जैसे एंडोमेट्रियल पुनर्योजी कोशिकाएं, स्टेम सेल थेरेपी के विकास में अहम योगदान दे सकती हैं, जिनका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों, विशेषकर कैंसर के अनुसंधान और उपचार में किया जा सकता है। हालाँकि यह शोध अभी अपने शुरुआती चरण में है, पर यह महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और पारंपरिक उपचारों के पूरक के रूप में नए मार्ग प्रदान करने का वादा करता है।





