PATNA : राजधानी पटना में सोमवार सुबह से डायल 112 की सेवा पूरी तरह ठप हो गई है, जिले के विभिन्न थानों में तैनात करीब 124 गाड़ियां आज सड़कों से नदारद रहीं। वजह यह रही कि डायल 112 से जुड़े सभी चालक अपनी मांगों को लेकर दो दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो गई है, क्योंकि डायल 112 को पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गश्ती का अहम हिस्सा माना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, पटना जिले में डायल 112 सेवा में लगभग 400 चालक कार्यरत हैं। इन चालकों ने वेतन और सेवा शर्तों को लेकर लंबे समय से चले आ रहे असंतोष के चलते सामूहिक रूप से काम बंद कर दिया है। सभी गाड़ियों को खड़ा कर दिया गया है और चालक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। चालकों का कहना है कि बहाली के समय उन्हें 25,000 रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक उनकी तनख्वाह में सिर्फ 750 रुपये की मामूली वृद्धि हुई है। मौजूदा हालात में इतने कम वेतन में परिवार चलाना बेहद कठिन हो गया है। इसके अलावा बहाली के समय कई अन्य वादे भी किए गए थे, जिनमें शामिल हैं
ड्यूटी स्थल घर से 10-15 किलोमीटर के दायरे में होगा।
साल में 20 दिन की छुट्टी मिलेगी।
साप्ताहिक अवकाश की सुविधा होगी।
चालकों का बीमा कराया जाएगा।
लेकिन संगठन का आरोप है कि इनमें से किसी भी वादे को अब तक पूरा नहीं किया गया है, इसी कारण चालक अब आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं। हड़ताल के चलते डायल 112 के माध्यम से पुलिस की तत्काल प्रतिक्रिया पर असर पड़ा है। जिन लोगों ने इमरजेंसी सेवा के लिए फोन किया, उन्हें गाड़ी उपलब्ध नहीं हो पाई, पुलिस अधिकारियों ने भी माना कि हड़ताल के कारण कानून-व्यवस्था की चुनौती बढ़ गई है। हालांकि स्थानीय थानों को सतर्क कर दिया गया है ताकि वे अपने स्तर पर हालात को संभाल सकें।
चालक संगठन के नेता चंदन कुमार ने बताया कि यह आंदोलन मजबूरी में किया जा रहा है, उन्होंने कहा हम अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हमारा लगातार शोषण हो रहा है, सरकार और कंपनी को चाहिए कि हमारी समस्याओं का समाधान निकाले अगर प्रशासन चर्चा के लिए बुलाता है तो हम तैयार हैं। फिलहाल दो दिनों तक हड़ताल जारी रहेगी। इस बीच राजधानीवासियों को आपात स्थिति में डायल 112 की सेवा नहीं मिल पाएगी। प्रशासन पर अब यह दबाव है कि जल्द समाधान निकाला जाए, ताकि सुरक्षा व्यवस्था सामान्य हो सके।