GAYA : बिहार में चुनावी शंखनाद हो चुका है, मैदान सज चुका है और सियासी योद्धा अपनी-अपनी फौज के साथ रण में कूद पड़े हैं। एक तरफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सड़क से संसद तक मोर्चा संभाले हुए हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चुनावी तीर चलाने शुरू कर दिए हैं।
आज 22 अगस्त को पीएम मोदी बिहार के गया पहुंचे, जहां उन्होंने योजनाओं की झड़ी लगाते हुए बड़ा सियासी संदेश भी दे डाला। मंच पर जब पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार साथ नजर आए, तो सियासी पारा चढ़ गया। दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी और सहजता ने साफ संकेत दे दिया कि बिहार की राजनीति में फिर से ‘मोदी-नीतीश’ युग लौट आया है।
मंच से दिखा मजबूत साथ, विपक्ष में बढ़ी बेचैनी
गयाजी की धरती से पीएम मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने एक बार फिर पुराना जलवा दिखाया, मंच पर दोनों नेताओं के बीच लगातार हल्की-फुल्की बातचीत होती रही चेहरों पर मुस्कान साफ झलक रही थी। कभी मोदी बोले तो कभी नीतीश ने अपनी बात रखी, यह नजारा देखकर साफ कहा जा सकता है कि एनडीए एकजुट है और पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर चुका है।
मोदी-नीतीश की जोड़ी फिर से हिट?
बीते कई चुनावों में यह जोड़ी बिहार की सत्ता का केंद्र रही है, एनडीए के पास दो बड़े चेहरे हैं एक तरफ नीतीश कुमार जिनका राज्य में प्रशासनिक अनुभव और जनाधार है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनकी अपील राष्ट्रीय स्तर पर गूंजती है। यही कारण है कि बिहार में यह जोड़ी अब तक महागठबंधन को सत्ता से दूर रखने में सफल रही है।
राहुल-तेजस्वी की बढ़ी चिंता!
गयाजी से जो तस्वीरें और संदेश सामने आए हैं, उससे महागठबंधन में खलबली मचनी तय है। तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार की सेहत और सक्रियता पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन आज पीएम मोदी संग उनकी मौजूदगी ने यह साफ कर दिया कि नीतीश फिट हैं और पूरी ऊर्जा के साथ मैदान में उतर चुके हैं।
क्या फिर गूंजेगा एक बार फिर, नीतीशे कुमार?
राजनीतिक गलियारों में अब यही चर्चा है कि क्या बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की वापसी तय है? पीएम मोदी का समर्थन, योजनाओं की सौगात और मंच से दिखी मजबूत केमेस्ट्री ये सारे संकेत आने वाले चुनावी परिणाम की ओर इशारा कर रहे हैं।