रांची: राजधानी रांचीवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। महानगरों की तर्ज पर अब रांची में भी मेट्रो रेल चलाने की दिशा में प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार से रांची में मेट्रो रेल परियोजना के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि मेट्रो रेल किन मार्गों पर और कितनी आवश्यकता के अनुसार संचालित होगी।
रांची को मिली प्राथमिकता
झारखंड सरकार ने पहले रांची, जमशेदपुर और धनबाद—इन तीन शहरों में मेट्रो चलाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। अध्ययन के बाद केंद्र ने केवल रांची को प्राथमिकता दी है और इसके लिए सीएमपी रिपोर्ट मांगी है। इससे रांची में मेट्रो परियोजना के शुरू होने की उम्मीद और बढ़ गई है।
क्या है सीएमपी रिपोर्ट?
किसी भी बड़े शहर में मेट्रो या रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की मंजूरी से पहले सीएमपी रिपोर्ट अनिवार्य होती है। इसमें शामिल होता है—
- शहर की मौजूदा और भविष्य की यातायात व्यवस्था का आकलन
- सड़क नेटवर्क और ट्रैफिक लोड का अध्ययन
- सार्वजनिक परिवहन की स्थिति
- निजी वाहनों की संख्या और जाम की समस्या
- पर्यावरणीय असर और वैकल्पिक साधनों की संभावनाएं
क्यों ज़रूरी है मेट्रो?
रांची में प्रतिदिन बढ़ते वाहनों और जाम ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। रातू रोड, किशोरगंज चौक, अल्बर्ट एक्का चौक, नामकुम समेत कई इलाकों में सुबह-शाम घंटों ट्रैफिक जाम लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते वैकल्पिक सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था नहीं की गई तो रांची में ट्रैफिक की समस्या और विकराल हो सकती है।
मेट्रो रेल आने से—
- जाम की समस्या घटेगी
- प्रदूषण में कमी आएगी
- शहरवासियों को सुरक्षित और तेज़ परिवहन का विकल्प मिलेगा
केंद्र की पहल के बाद अब उम्मीद है कि रांचीवासियों को जल्द ही मेट्रो रेल की सौगात मिल सकती है।