PATNA : बिहार में हुए बहुचर्चित सिपाही भर्ती घोटाले की जांच एक बार फिर से तेज़ हो गई है, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को इस मामले में कई नए सुराग हाथ लगे हैं। जिसके आधार पर जांच एजेंसी पटना के चर्चित दो शिक्षकों मुकेश सर और चंदन सर की जल्द गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है, दोनों फिलहाल फरार हैं।
EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक इस घोटाले की जांच केवल प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े पहलुओं तक सीमित थी, लेकिन हालिया जांच में सामने आए तथ्यों ने पूरे मामले को एक नया रुख दे दिया है। DIG के मुताबिक गिरफ्तार किए गए मुख्य साजिशकर्ता संजीव मुखिया के बाद अब राजकिशोर शाह इस घोटाले का सबसे बड़ा नाम बनकर उभरा है। राजकिशोर की निशानदेही पर ही EOU ने उसके साथी गौरव को भी दबोच लिया है, जो पिछले दो वर्षों से फरार चल रहा था।
जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में कई कोचिंग संस्थानों की भी भूमिका संदिग्ध है, सूत्रों की मानें तो संजीव मुखिया, राजकिशोर शाह और गौरव ने मिलकर सैकड़ों अभ्यर्थियों को पेपर लीक के जरिए लाभ पहुंचाने की साजिश रची थी। इस गोरखधंधे को अंजाम देने में पटना के मुकेश सर और चंदन सर की भूमिका भी अहम रही।
EOU अधिकारियों का कहना है कि मुकेश पहले भी विवादों में रहा है, वह 2017 में हुए NEET पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया के बेटे के साथ गिरफ्तार हो चुका है और जेल की सजा भी काट चुका है। जेल से बाहर आने के बाद भी उसने अपनी गतिविधियों को नहीं रोका और 2023 के सिपाही भर्ती परीक्षा में एक बार फिर शामिल पाया गया।
फिलहाल EOU की टीम का पूरा फोकस मुकेश सर और चंदन सर की गिरफ्तारी पर है, अधिकारियों का मानना है कि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद घोटाले के कई और चौंकाने वाले नाम सामने आएंगे। EOU इस केस से जुड़े तमाम पहलुओं की गंभीरता से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।