PATNA : बिहार की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार देने वाला औंटा से सिमरिया महासेतु अब बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। मोकामा के औंट घाट को बेगूसराय के सिमरिया से जोड़ने वाला यह छह लेन का पुल आने वाले समय में विकासशील बिहार की नई पहचान बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बिहार दौरे पर आ रहे हैं और इस मौके पर वे इस अत्याधुनिक महासेतु को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पूर्वोत्तर भारत के लिए भी होगा वरदान
गंगा नदी पर बना यह पुल न केवल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सुगम आवागमन सुनिश्चित करेगा, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के साथ कनेक्टिविटी को भी सशक्त बनाएगा। इसका सीधा लाभ औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को मिलेगा, जिससे पूरे राज्य और देश को फायदा होगा।
8.15 किमी लंबा आधुनिक महासेतु
कुल लागत: ₹1871 करोड़
पुल की लंबाई: 1.865 किलोमीटर
पहुंच पथ सहित कुल लंबाई: 8.150 किलोमीटर
इस महासेतु के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक बदलाव आने वाला है। अब तक मोकामा-सिमरिया मार्ग पर केवल एकमात्र दो लेन वाला राजेंद्र सेतु था, जिसका निर्माण वर्ष 1959 में हुआ था। बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए एक नए और विस्तृत पुल की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अब यह जरूरत पूरी हो गई है। इस परियोजना की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2017 में की गई थी। 2015 में घोषित विशेष बिहार पैकेज के तहत इस 6 लेन पुल की आधारशिला रखी गई थी, और अब लगभग 10 वर्षों बाद यह सपना हकीकत बन गया है।
पटना से खगड़िया तक 4 लेन हाइवे भी तैयार
महासेतु के साथ ही 22 अगस्त को बख्तियारपुर से मोकामा तक 44.60 किलोमीटर लंबी 4 लेन सड़क का भी उद्घाटन किया जाएगा, जिसकी लागत ₹1899 करोड़ रुपये है।
आगे खगड़िया से पूर्णिया तक 4 लेन सड़क निर्माण की योजना पर कार्य जारी है।
पटना से बख्तियारपुर तक पहले ही 4 लेन सड़क बन चुकी है।
सिमरिया से खगड़िया तक सड़क चौड़ीकरण का काम भी पूरा हो चुका है।