PATNA : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने तैयारियों को तेज कर दिया है। गठबंधन न केवल शीर्ष स्तर पर तालमेल को मजबूत कर रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रहा है। इसी क्रम में एनडीए ने अब विधानसभावार कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
कुछ महीने पहले प्रमंडल स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर चुके एनडीए ने अब यह आयोजन एक कदम और आगे बढ़ाया है। इस बार सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इस महाअभियान की घोषणा जेडीयू कार्यालय में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई, जिसमें एनडीए के पांचों घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, एलजेपी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार और रालोमो के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी शामिल हुए।
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर गठबंधन की एकजुटता को मजबूत करना और 2025 में 225, फिर से नीतीश के संकल्प को साकार करना है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि यह आयोजन 23 अगस्त से शुरू होकर 24 सितंबर 2025 तक चलेगा और इसे कुल सात चरणों में संपन्न किया जाएगा।
इस सम्मेलन के अंतर्गत प्रतिदिन औसतन 14 विधानसभाओं में आयोजन किया जाएगा। सभी 243 विधानसभाओं को कवर करने के लिए 14 टीमें गठित की गई हैं, जिनमें प्रत्येक टीम में सात सदस्य शामिल होंगे। इन टीमों का नेतृत्व एनडीए के वरिष्ठ नेता करेंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री और प्रमुख संगठनात्मक नेता शामिल हैं।
इन टीमों की कमान संजय झा, अशोक चौधरी, विजय चौधरी, उमेश कुशवाहा, श्रवण कुमार, रामनाथ ठाकुर, रत्नेश सदा, दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, शीला मंडल, विजय सिन्हा, मंगल पांडे, नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, राज भूषण निषाद, राधा मोहन सिंह, रवि शंकर प्रसाद और गठबंधन के सभी प्रदेश अध्यक्षों को सौंपी गई है।
एनडीए नेताओं का मानना है कि यह सम्मेलन कार्यकर्ताओं में जोश भरने और मतदाताओं तक नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का सबसे प्रभावी माध्यम साबित होगा। साथ ही, इससे संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ एनडीए के पक्ष में जनसमर्थन भी मजबूत किया जा सकेगा।