DESK : सारण जिले के सरकारी विद्यालयों में उपस्थिति दर्ज करने का पारंपरिक तरीका अब पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा। शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी स्कूलों में टैबलेट के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों की हाजिरी दर्ज करने का निर्णय लिया है।
यह नई प्रणाली फेस रिकग्निशन तकनीक पर आधारित होगी, जिससे विद्यालय में उपस्थित छात्रों और शिक्षकों की सही जानकारी मिलेगी। इस पहल के तहत जिले के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को दो-दो टैबलेट जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को तीन-तीन टैबलेट दिए जाएंगे। ये टैबलेट सीधे ई-शिक्षा कोष पोर्टल से जुड़े रहेंगे, जहां छात्रों की तस्वीरें भी अपलोड की जाएंगी।
इस व्यवस्था के जरिए विभागीय अधिकारी कहीं से भी उपस्थिति की निगरानी कर सकेंगे, विभाग की हालिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस परियोजना की जानकारी देते हुए बताया गया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ चयनित स्कूलों में यह तकनीक पहले ही लागू की जा चुकी है। अब इसे जल्द ही जिले के सभी स्कूलों में विस्तार से लागू किया जाएगा।
नई प्रक्रिया के अनुसार शिक्षकों की उपस्थिति सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक और छात्रों की उपस्थिति 9:30 से 10:00 बजे तक दर्ज की जाएगी। इससे विभाग को रियल टाइम डेटा मिलेगा और अनुपस्थित शिक्षकों या छात्रों की जानकारी तुरंत प्राप्त हो सकेगी। प्रत्येक टैबलेट का यूनिक IMEI नंबर होगा, जो स्कूल से जुड़ा रहेगा, ताकि डेटा की पहचान और सत्यता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, विद्यालयों को टैबलेट के जरिए विभाग द्वारा भेजे जाने वाले निर्देश, पाठ्यक्रम, मॉडल प्रश्नपत्र और अन्य शैक्षणिक सामग्री तुरंत प्राप्त होती रहेगी।
टैबलेट वितरण के बाद शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे इस डिजिटल प्रणाली का सुचारू संचालन कर सकें। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से न केवल उपस्थिति की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि शिक्षकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विभागीय निगरानी की क्षमता में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है।