DESK : झारखंड के चार विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट (11वीं–12वीं) में नामांकन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, कोल्हान विश्वविद्यालय सहित अन्य तीन विश्वविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-27 के लिए इंटर में नामांकन लिए जाने पर राजभवन ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे नई शिक्षा नीति 2020 का उल्लंघन बताया है। राज्यपाल सचिवालय की संयुक्त सचिव अर्चना मेहता की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि जब नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने का स्पष्ट निर्देश पहले ही जारी हो चुका है, तो फिर इन विश्वविद्यालयों द्वारा इंटर में नामांकन क्यों लिया जा रहा है?
किन विश्वविद्यालयों को नोटिस:
कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा
विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग
सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका
नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर
राजभवन ने इन सभी विश्वविद्यालयों से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि यह प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो इसे नीति के क्रियान्वयन में बाधा माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। नोटिस मिलने के बाद विश्वविद्यालयों में तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपने सभी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। अन्य विश्वविद्यालयों ने भी जांच शुरू कर दी है कि आखिर किन कॉलेजों में इंटर का नामांकन हो रहा है और किस आधार पर।
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कॉलेजों में केवल स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई होनी चाहिए। इंटर की पढ़ाई अब मान्यता प्राप्त प्लस टू स्कूलों में ही सीमित रहनी है। इसके बावजूद कई कॉलेज अब भी इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रखे हुए हैं, जो नीति के खिलाफ है। राज्य के शिक्षा विभाग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कॉलेजों में चल रहे इंटर सत्र 2024-26 के छात्रों को अन्य प्लस टू स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने स्थापना स्वीकृति प्राप्त विद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।